बलूचिस्तान में बीएलएफ के हमले में तीन मेजर ढेर, खैबर पख्तूनवा में सेना ने चार आतंकी मारे

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इस्लामाबाद{ गहरी खोज }: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आजादी के लिए संघर्षरत बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने मेजर रैंक के तीन अधिकारियों को मारने का दावा किया है। वहीं, खैबर पख्तूनवा प्रांत के बाजौर जिले में शुरू किए सेना के ऑपरेशन सरबकाफ के तहत कम से कम चार आतंकवादियों को मार गिराने की बात कही जा रही है। बाजौर जिले में तीन दिन का कर्फ्यू लगाकर यह ऑपरेशन शुरू किया गया है। कर्फ्यू का आज दूसरा दिन है।
द बलूचिस्तान पोस्ट की बलूची भाषा समाचार सेवा की खबर के अनुसार बीएलएफ के हमले में पाकिस्तान सेना के मेजर रैंक के तीन अधिकारियों की मौत हो गई। झाओ क्षेत्र में बीएलएफ ने सड़क पर अवरोधक खड़ा कर किये गए हमले में मेजर सैयद रबनवाज तारिक अवारन मारे गए। इसके अलावा मेजर अनवर काकर शाल के जबल नूर के पास बीएलए के एसटीओएस दस्ते के बम हमले में मारे गए। मस्तुंग के पहाड़ी इलाके में बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों और पाकिस्तान के सैनिकों के बीच झड़प में मेजर सलीम समेत कई अधिकारी मारे गए। आजादी के लिए संघर्षरत सशस्त्र समूहों ने ईरान और इराक के लिए बलूचिस्तान के भूमि मार्ग पर तीर्थयात्रियों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
डान अखबार की खबर के अनुसार पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने खैबर पख्तूनवा के बाजौर जिले के लोवी मामुंड तहसील इलाके में गनशिप हेलीकॉप्टरों और तोपखाने की मदद से मंगलवार को आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन सरबकाफ शुरू किया है। इसके लिए बाजौर जिले के 16 इलाकों में अचानक तीन दिन का कर्फ्यू लगाया गया है। पाकिस्तान की सेना के आदेश पर बाजौर जिले के डिप्टी कमिश्नर ने 29 जुलाई की सुबह 5 बजे से लेकर 31 जुलाई की शाम 5 बजे तक कर्फ्यू लगाने की घोषणा की।
डान ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि इस दौरान लोवी मामुंड तहसील के विभिन्न इलाकों में सुरक्षा बलों ने कम से कम चार आतंकवादियों को मार गिराया। सुरक्षा बलों की कार्रवाई में लगभग 12 अन्य घायल हो गए और लगभग 10 को जिंदा पकड़ लिया। हालांकि, सुरक्षा बलों और पुलिस ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
स्थानीय नागरिकों ने दावा किया कि सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई झड़पों में अलग-अलग इलाकों में एक बच्चे समेत दो नागरिक मारे गए और आठ अन्य घायल हो गए। घायलों में दो बच्चे और एक महिला शामिल है। लोवी मामुंड तहसील के निवासियों ने बताया कि आतंकवादियों को शरण देने के शक में सुरक्षा बलों ने कुछ घरों को भी कथित तौर पर निशाना बनाया।
इस बीच, सांसद डॉ. हमीदुर रहमान, सांसद अनवर जेब खान, सांसद मोहम्मद निसार खान, पूर्व सांसद गुल जफर खान और प्रधानमंत्री के विशेष सहायक सांसद मुबारकजेब खान ने इलाके में सैन्य कार्रवाई और कर्फ्यू लगाने की निंदा की। उन्होंने कर्फ्यू हटाने और सैन्य अभियान को रोकने की मांग की। डॉ. हमीदुर रहमान ने कहा, अगर सैन्य कार्रवाई नहीं रोकी गई तो वह लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन करेंगे। जमात-ए-इस्लामी नेता और पूर्व सीनेटर मुश्ताक अहमद खान ने सैन्य अभियान को तुरंत रोकने का आग्रह किया है।

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