एपस्टीन केस के धागों में उलझे ट्रंप, गिस्लेन मैक्सवेल ने गवाही के लिए रखी शर्त

वाशिंगटन{ गहरी खोज }: संयुक्त राज्य अमेरिका की राजनीति में इस समय हलचल मचा रहे यौन शोषण और नाबालिग लड़कियों की तस्करी के केस में दोषी गिस्लेन मैक्सवेल ने गवाही देने के लिए शर्त रखी है। अपने गुनाहों के लिए जेल में बंद यह महिला आरोपित अरबपति जेफरी एपस्टीन की मित्र है। एपस्टीन की जेल में मौत हो चुकी है। इस केस में कुछ समय से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सवालों का सामना करना पड़ रहा है।
द वाशिंगटन पोस्ट की खबर के अनुसार, दोषी सह साजिशकर्ता गिस्लेन मैक्सवेल के वकीलों ने इस संबंध में सोमवार को कांग्रेस को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि वह बिना किसी छूट या अपनी 20 साल की जेल की सजा कम करने के ट्रंप के आदेश के बिना गवाही देने को तैयार नहीं है। जेफरी एपस्टीन ने 2019 में यौन तस्करी के आरोप में गिरफ्तारी और आरोप लगने के कुछ ही समय बाद एक संघीय जेल की कोठरी में फांसी लगा ली थी।
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, एक दशक से भी अधिक समय पहले एक जांच के दौरान एपस्टीन ने फ्लोरिडा में राज्य के आरोपों पर गुनाह कुबूल किया था। इसके बाद नाबालिग लड़कियों को यौन संबंध बनाने के बदले पैसे देने के अपराध में उसे हल्की सजा मिली थी। एपस्टीन की मृत्यु के बाद मैक्सवेल पर उन नाबालिग लड़कियों को जाल में फंसाने की साजिश रचने का आरोप लगा। उसे अदालत ने दोषी ठहराया।
कुछ माह पहले तक अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी और ट्रम्प के अन्य वरिष्ठ अधिकारी एपस्टीन की जांच से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइलें सार्वजनिक करने का दम भरते रहे हैं। इस महीने उन्होंने रुख पलटते हुए कहा कि कोई और जानकारी नहीं दी जाएगी। खबरों में किए गए दावों के अनुसार, ट्रंप और एपस्टीन लंबे समय तक मित्र रहे हैं। 2004 में दोनों के बीच किसी बात को लेकर मतभेद हुआ। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और हाल के दिनों में इस बात पर निराशा व्यक्त की है कि उन्हें अभी भी इस मामले से जुड़े सवालों का सामना करना पड़ रहा है।
पिछले सप्ताह द न्यूयॉर्क टाइम्स और द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने खुलासा किया था कि बॉन्डी ने वसंत ऋतु में ट्रंप को सूचित किया था कि उनका नाम एपस्टीन की फाइलों में है। इसके बाद कई रिपब्लिकन ने मत व्यक्त किया कि अगर मैक्सवेल से पूछताछ की जाए तो सच सामने आ सकता है। मगर जेल में बंद मैक्सवेल के वकील डेविड ओ. मार्कस का कांग्रेस को लिखा पत्र दर्शाता है कि पूछताछ करनी आसान नहीं है।
मैक्सवेल के वकील ने कहा कि अब वह जो भी गवाही देगी, उससे उसकी अपील पर असर पड़ सकता है। डेविड ओ. मार्कस ने कहा कि मैक्सवेल पांचवें संशोधन के अधिकारों का प्रयोग करते हुए गवाही देने से इनकार कर देंगी। उन्होंने कहा कि आगे विचार-विमर्श के बाद हम कांग्रेस के साथ सहयोग करने का कोई निष्पक्ष और सुरक्षित रास्ता तलाशेंगे।
वकील ने कहा कि इनमें से एक शर्त मैक्सवेल को प्रतिरक्षा प्रदान करने की होगी। उन्होंने कहा कि हालांकि नाबालिगों से जुड़े यौन तस्कर के रूप में उनकी सजा को देखते हुए यह एक बेहद पेचीदा मुद्दा है। मार्कस ने पत्र में लिखा, मैक्सवेल औपचारिक प्रतिरक्षा के बिना राजनीतिक रूप से आवेशित माहौल में आगे आपराधिक जोखिम का जोखिम नहीं उठा सकतीं। पत्र में कहा गया है कि वह फ्लोरिडा की संघीय जेल में कैद हैं। वह जेल में कांग्रेस के जांचकर्ताओं से बात नहीं करेंगी। वकील ने कहा कि अगर उनकी अपीलों का निपटारा हो जाए तो वह गवाही देने को तैयार हैं।
मैक्सवेल की कानूनी टीम ने एक तरीका सुझाया है, जिससे इन बाधाओं को दूर किया जा सकता है। वह है मैक्सवेल को क्षमादान देने का। मार्कस ने पत्र में साफ किया है कि अगर उन्हें क्षमादान मिल जाता तो वह वाशिंगटन डीसी में कांग्रेस के सामने सार्वजनिक रूप से खुलेआम और ईमानदारी से गवाही देने के लिए तैयार और उत्सुक होतीं। वह सच्चाई साझा करने और इस मामले में शुरू से ही व्याप्त कई गलतफहमियों और गलत बयानों को दूर करने के अवसर का स्वागत करती हैं। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने इस बारे में बात करने से इनकार कर दिया है कि क्या वह उन्हें क्षमादान देंगे या उनकी सजा में कमी करेंगे।