भागवत का मौलानाओं से संवाद

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संपादकीय { गहरी खोज }: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और इमामों और मुस्लिम विद्वानों के बीच गत दिनों दिल्ली में हरियाणा भवन में बैठक हुई। ‘ऑल इंडिया इमाम आर्गनाइजेशन’ के प्रमुख उमेर अहमद इलियासी की तरफ से यह बैठक बुलाई गई थी।

बैठक के बाद इलियासी ने बताया कि यह बैठक करीब साढ़े तीन घंटे चली और इसमें मुसलमानों से जुड़े प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई और यह सहमति बनी कि संवाद का यह सिलसिला बरकरार रहेगा। आरएसएस ने बैठक को ‘सकारात्मक’ बताया और कहा कि यह समाज के सभी वर्गों के साथ व्यापक संवाद की ‘निरंतर प्रक्रिया’ का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य यह है कि देश के हित में सभी लोग मिलकर कैसे काम कर सकते हैं। संघ के राष्ट्रीय प्रचार एवं मीडिया विभाग के प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि यह समाज के सभी वर्गों के साथ व्यापक संवाद की एक सतत प्रक्रिया है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि देश हित में सभी लोग मिलकर कैसे काम कर सकें। बैठक में आरएसएस की तरफ से भागवत के साथ कृष्ण गोपाल और इंद्रेश कुमार सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे। इलियासी ने कहा कि बैठक में राष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर चर्चा हुई। यह निर्णय लिया गया कि मंदिरों और मस्जिदों, इमामों और पुजारियों, गुरुकुलों और मदरसों के बीच संवाद होना चाहिए।

संघ प्रमुख मोहन भागवत का मुस्लिम विद्वानों व इमामों से संवाद व मंथन का होना एक स्वागतयोग्य पहल व ठीक दिशा में उठा कदम है। संघ के इंद्रेश कुमार पिछले काफी समय से मुस्लिम समाज में कार्य कर रहे हैं। संघ का लक्ष्य तो स्पष्ट है कि मुस्लिम समाज में संघ व हिन्दू समाज तथा देश की सरकार के प्रति जो भ्रम व भ्रांतियां हैं उनको दूर कर मुस्लिम समाज को देश की मुख्य धारा से जोड़ना ही है।

मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है तभी से देश और विदेश में यही झूठ फैलाया जा रहा है कि देश में अल्पमत मुस्लिम समुदाय खतरे में पड़ गया है। विपक्षी दलों के एक वर्ग द्वारा जब ऐसे झूठे प्रचार को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन मिलता है तो फिर स्थिति बद से बदतर हो जाती है। ऐसे में संघ द्वारा मुस्लिम समाज के विद्वानों से संवाद करना एक शुभ संकेत ही है। संवाद को स्कूल, कॉलेजों और धार्मिक स्थलों तक ले जाना समय की मांग है।

देश के हित में यही है कि सभी धर्मों व सम्प्रदायों के लोग आपस में देश संबंधित मुद्दों पर बातचीत करें और धर्म या जाति के नाम पर जो झूठ फैलाकर देश में तनाव पैदा किया जा रहा है, उसको कम करना चाहिए तथा सत्य को सामने लाया जाए, यही समय की मांग है।

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