खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री योगी

गोरखपुर{ गहरी खोज }: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खेलों से संबंधित अवस्थापना सुविधाओं के विकास और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। विगत आठ सालों में इसके परिणाम भी सामने आए हैं। एक तरफ ग्रामीण स्तर तक स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ है तो दूसरी तरफ पदक विजेता खिलाड़ियों को सम्मानजनक पुरस्कार राशि देने के साथ उन्हें सरकारी नौकरी की सुविधा दी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों के माध्यम से देश-प्रदेश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने के मामले में उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है।
मुख्यमंत्री योगी मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर परिसर में नागपंचमी के अवसर पर खेल विभाग और जिला कुश्ती संघ की ओर से आयोजित दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय सीनियर प्राइजमनी पुरुष कुश्ती प्रतियोगिता के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में पिछले 11 सालों से खेल और खेल की गतिविधियों में भारी परिवर्तन आया है। 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने खेलो इंडिया की घोषणा कर युवाओं और नागरिकों को खेलों की उपादेयता से अवगत कराया। प्रोत्साहन मिलने से 11 वर्षों के दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने ओलंपिक, एशियाड, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाड, वर्ल्ड चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया है और इसमें उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी उत्कृष्ट रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत आठ वर्षों में प्रदेश सरकार ने राज्य में खेल अवस्थापना सुविधाओं के विकास और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए अनेक कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं और प्रतिभागियों का सम्मान करने के साथ गांव, ब्लॉक और जिला स्तर तक खेल सुविधाओं का विकास किया है। गांव स्तर पर खेल के मैदान, ब्लॉक स्तर पर मिनी स्टेडियम और जिला स्तर पर स्टेडियम बनाए गए। युवक मंगल दलों और महिला मंगल दलों के माध्यम से गांव-गांव के खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स किट प्रदान किए गए।
प्रदेश की खेल नीति के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को प्रदेश सरकार सरकारी नौकरी की सुविधा दे रही है। खिलाड़ियों सरकारी नौकरी देने के मामले में प्रदेश पहले स्थान पर है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता, अब तक 500 से अधिक खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी गई है।
अपने संबोधन में स्वस्थ शरीर के लिए खेलों की महत्ता का बताते हुए सीएम योगी ने प्राचीन भारतीय संस्कृति का उद्धरण दिया और कहा, ‘शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम’। अर्थात धर्म के सभी साधनों की पूर्ति के लिए शरीर ही माध्यम है। योगी ने कहा कि गोरखनाथ मंदिर के प्रांगण में प्राचीन भारतीय खेल कुश्ती प्रतियोगिता की परंपरा सैकडों वर्षों पुरानी है।
मुख्यमंत्री ने सभी को नागपंचमी पर्व की बधाई देते हुए कहा कि नागपंचमी आध्यात्मिक शक्ति पूजन का भी पर्व है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश केसरी, उत्तर प्रदेश कुमार व उत्तर प्रदेश वीर अभिमन्यु खिताब के लिए फाइनल मुकाबले का अवलोकन किया और ताली बजाकर पहलवानों का उत्साह बढ़ाया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश केसरी का खिताब जीतने वाले गौतमबुद्धनगर के जोंटी भाटी को 1.01 लाख रुपये व गदा, उप विजेता बागपत के उत्तम राणा को 51 हजार रुपये, उत्तर प्रदेश कुमार का खिताब जीतने वाले गोरखपुर खेल छात्रावास के सौरभ को 1.01 लाख रुपये व गदा, उप विजेता गोरखपुर के रमन सिंह को 25 हजार, वीर अभिमन्यु का खिताब जीतने वाले गोंडा के मोनू को 51 हजार रुपये व गदा, उप विजेता गोरखपुर के जनार्दन को 25 हजार रुपये का पुरस्कार प्रदान किया। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश केसरी के मुकाबले में तीसरे स्थान पर रहे दो पहलवानों बागपत के मयंक तोमर व एनई रेलवे के वीरेश कुंडू को तथा उत्तर प्रदेश कुमार के मुकाबले में तीसरे स्थान पर रहे दो पहलवानों गोंडा के मोहित और जौनपुर के अमित यादव को 21-21 हजार रुपये का पुरस्कार दिया। जबकि वीर अभिमन्यु के मुकाबले में तीसरे स्थान पर रहे दो पहलवानों स्पोर्ट्स कॉलेज गोरखपुर के अभिषेक यादव व बागपत के सतीश को 11-11 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया।
प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों को छूते हुए सर्वोत्तम प्रदेश बन रहा है। सीएम योगी के मार्गदर्शन में राज्य के खेल विभाग ने खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए। इससे गांव-गांव में खेल का माहौल बना रहा। उन्होंने बताया कि यूपी में 20 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों में खेल के मैदान विकसित हुए हैं।