मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में हुआ एक नई हरित क्रांति का सूत्रपात

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जयपुर{ गहरी खोज }: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान में एक नई हरित क्रांति का सूत्रपात हुआ है। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाअभियान हरियालो राजस्थान (एक पेड़ मां के नाम) पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है। यह एक जन-आंदोलन का रूप ले चुका है जिसमें आमजन सहित राजकीय, गैर-राजकीय संस्थान प्रदेश के सभी अंचलों में वृक्षारोपण कर रहे हैं। केवल चार महीनों के समय में ही 6 करोड़ 81 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं जोकि प्रदेश का ग्रीन कवर बढ़ाने में दूरगामी कदम है।
पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन भारतीय संस्कृति में अभिन्न अंग है। आमजन वृक्षों के संरक्षण को प्रकृति के प्रति अपना प्रमुख नैतिक कर्तव्य मानते हैं और इसकी निष्ठा से पालना भी करते हैं। मुख्यमंत्री शर्मा ने इन्हीं मूल्यों को प्रोत्साहित करने के लिए हरियालो राजस्थान महाभियान का नवाचार किया है। इस महाभियान का लक्ष्य न केवल पौधे लगाना है बल्कि उसका वृक्ष के रूप में आकार लेने तक संरक्षण करना भी है। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर शुरू हुए ‘एक पेड़ मां के नाम’ की भावना को इसमें प्रमुखता से समाहित किया गया है ताकि प्रदेशवासी जब मां के नाम पौधा लगाएं तो उसे परिवार का सदस्य मानकर देखभाल भी करें।
मुख्यमंत्री शर्मा इस अभियान की नियमित मॉनिटरिंग कर रहे हैं जिसके फलस्वरूप यह अभियान सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि अपनी मां के नाम एक पेड़ लगाएं और उसकी समुचित देखभाल भी करें। हर पौधे का संरक्षण और संवर्धन करना हमारा प्रमुख ध्येय होना चाहिए। गौरतलब है कि अभियान के अंतर्गत लगाए जा रहे पौधों की सतत मॉनिटरिंग करने के क्रम में हरियालो राजस्थान ऐप की भी लॉन्चिंग की गई है, जिसके माध्यम से अब तक लाखों वृक्ष प्रेमियों को डिजिटल प्रमाणपत्र भी दिए जा चुके हैं।
इस अभियान के परिणामस्वरूप राजस्थान के कोने-कोने में वृक्षारोपण की भावना का तेजी से प्रसार हुआ है और ऐतिहासिक जनभागीदारी भी सुनिश्चित हुई है। प्रदेश की 8 करोड़ जनता ने अपनी सहभागिता से एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। सम्पूर्ण प्रदेश में 1 अप्रैल 2025 से 29 जुलाई 2025 (लगभग 4 माह) के दौरान 6 करोड़ 81 लाख 60 हजार 999 से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। यह वृक्षारोपण 1 लाख 80 हजार 456 स्थानों पर किया गया, जिसमें 53 से अधिक प्रजातियों के पौधे लगाये गए।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने पौधारोपण में अग्रणी भूमिका निभाते हुए 2 करोड़ 33 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया। यह मुहिम गांव-ढाणी तक पहुंची और आमजन ने पूरी सक्रियता से पौधारोपण किया। वहीं, वन विभाग ने 1 करोड़ 76 लाख से अधिक पौधे लगाकर जैव विविधता को सहेजने में उल्लेखनीय कार्य किया। शिक्षा विभाग ने भी इस अभियान को शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंचाते हुए 1 करोड़ 14 लाख से अधिक पौधारोपण कर बच्चों में प्रकृति प्रेम और संरक्षण की भावना को जागृत किया।
जिलेवार पौधारोपण में जयपुर जिले ने 66 लाख से अधिक पौधों का रोपण कर शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। उदयपुर जिले ने 33 लाख, जबकि जैसलमेर ने 32 लाख से अधिक पौधे लगाकर अभियान में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। आमजन, स्वयंसेवी संगठन और प्रदेश सरकार ने मिलकर पर्यावरणीय चेतना को जनक्रांति में बदला है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने हरियाली तीज के पावन पर्व पर जयपुर के मदाऊ में 27 जुलाई को राज्य स्तरीय वन महोत्सव में शिरकत की और आमजन से सघन वृक्षारोपण करने का आह्वान किया। इसके फलस्वरूप प्रदेशभर में एक दिन में 2 करोड़ 54 लाख पौधे लगाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया गया। हरियालो मिशन के तहत 5 साल में 50 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है जिसमें से इस वर्ष 10 करोड़ पौधे लगाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से प्रेरित होकर राज्य सरकार ने पिछले साल हरियाली तीज के पर्व पर मिशन हरियालो राजस्थान का शुभारंभ किया था। गत वर्ष 7 करोड़ से अधिक पौधे लगाए थे।

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