‘ओज उत्सव’ ने भारत और नेपाल के सांस्कृतिक संबंधों को किया मजबूत

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }:हिमालयी साधक एवं योगी प्रियव्रत अनिमेष के ओज फाउंडेशन ने अपना चौथा स्थापना दिवस नेपाल की राजधानी काठमांडू में मनाया। इस अवसर पर होटल याक एंड यति में ओज उत्सव 2025 का आयोजन किया गया। ओज फाउंडेशन के संस्थापक योगी प्रियव्रत ने कहा कि इस आध्यात्मिक कार्यक्रम से भारत और नेपाल के सांस्कृतिक धागों में और मजबूती आयी है।
ओज फाउंडेशन के अनुसार, 25 जुलाई को काठमांडू में इस उत्सव के दौरान अध्यात्म और युवा चेतना के स्वर गूंजे। यह आयोजन भारत-नेपाल सांस्कृतिक संबंधों की गहराई, आध्यात्मिक समरसता और युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के प्रति समर्पण का प्रतीक बनकर उभरा। इस अवसर पर पुस्तक ‘ऊर्ज सूत्र’ का विमोचन किया गया। साथ ही नेपाल में आध्यात्मिक पर्यटन को केंद्र में रखकर निर्मित दो लघु फिल्मों की स्क्रीनिंग भी की गयी। शाम को प्रसिद्ध सितार वादक सीता मैया राजचल की प्रस्तुति को सबने सराहा।
कार्यक्रम में भारत और नेपाल के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हुईं कई जानी मानी हस्तियों ने हिस्सा लिया। इनमें प्रमुख हैं भाजपा नेता श्याम जाजू, योगेश्वर दत्त (ओलंपियन), संदीप राणा (समाजसेवी), ब्रिजपाल मालिक, ज्योतिका झलानी, सांसद दीपक बहादुर सिंह, सांसद रंजू ठाकुर, सांसद राम हरी, विधायक नीमा गिरी और गोविंद बहादुर शाह। जाजू ने कहा कि भारत और नेपाल केवल दो राष्ट्र नहीं, बल्कि एक ही संस्कृति की दो अभिव्यक्तियां हैं। हमारे बीच की सीमाएं केवल राजनीतिक हैं। आत्मा से हम हमेशा से ही जुड़े रहे हैं।
कार्यक्रम के अंत में प्रियव्रत अनिमेष ने कहा कि नेपाल की पुण्यभूमि, पशुपतिनाथ की छाया और हिमालय की दिव्यता में हमने जो संकल्प लिए हैं, वह अब पूर्ण होता दिख रहा है। उन्होंने लोगों में आत्म चेतना जगाने का प्रयास किया और लोगों को सत मार्गों पर चलने का सन्देश भी दिया।

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