नाग पंचमी के दिन इन मंत्रों का करें जाप, कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति, हर मनोकामना होगी पूरी

धर्म { गहरी खोज } : श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि बेहद खास मानी जाती है क्योंकि इस दिन नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है जो इस बार 29 जुलाई को पड़ा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से सर्प के भय से मुक्ति मिलती है साथ ही जीवन में सुख-शांति आती है। इसके साथ ही ये पर्व प्रकृति और जीवों की रक्षा का भी संदेश देता है। खास बात ये है कि इस साल नाग पंचमी पर बेहद शुभ योग शिव योग और सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है। जिस वजह से इस पर्व का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में अगर आप आज नाग देवता से जुड़े कुछ खास मंत्रों का जाप करते हैं तो इससे आपको खूब लाभ प्राप्त होगा।
नाग पंचमी मंत्र
नाग पंचमी के दिन नाग देवता को केसर मिश्रित दूध चढ़ाते समय ॐ नागराजाय नमः मंत्र का जाप करें। कहते हैं इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगता है।
कुंडली में राहु-केतु के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए नाग पंचमी के दिन “ॐ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा” मंत्र का 108 बार कम से कम जाप करें। इससे राहु-केतु शुभ फल देने लगेंगे।
नागेंद्रहाराय मंत्र
ओम नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांगरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय।।
कालसर्प दोष निवारण मंत्र
ओम क्रौं नमो अस्तु सर्पेभ्यो कालसर्प शांति कुरु कुरु स्वाहा.
ओम नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नम:.
नाग पूजा मंत्र
सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:।।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।
नाग गायत्री मंत्र
ओम नवकुलाय विद्महे, विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात्।।
नाग मंत्र
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शंखपालं धार्तराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा।।
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात: काले विशेषत:।।
तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्।।