नाग पंचमी के दिन जरूर सुनने चाहिए ये भजन, नागराज बरसाएंगे कृपा

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धर्म { गहरी खोज } : नाग पंचमी का पर्व हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन नागों की विशेष रूप से पूजा की जाती है, ऐसे में इस दिन शिव मंदिरों में अलग ही रौनक देखने को मिलती है। यह पर्व भारत ही नहीं बल्कि कई अन्य एशियाई देशों में भी मनाया जाता है। इस दिन शिव की भी पूजा विशेष विधान है क्योंकि भगवान शंकर ने नागदेव को अपने गले में यज्ञोपवीत के रूप में रखा है। इस दिन भगवान शिव और नाग देव के भजन गाने व सुनने का चलन है। ऐसे में यहां आपको टॉप 10 भजन बताने जा रहे है, इनमें से कुछ के लिरिक्स भी नीचे दिए जा रहे जिसे आप भी गुनगुना सकते हैं।

टॉप 10 भजन
नागों ने डेरा डाला है
तेरे डमरूकी धुन सुनके
हरि ओम में ओम समाया है
देना हो तो दीजिए भोले
भोले आपकी कृपा से
भोले तेरा सहारा काफी है
भोले के हाथों में है भक्तों
पकड़ लो हाथ भोलेनाथ
पता नहीं किस रूप में आकर
डमरूवाले बाबा तुमको आना

  1. लिरिक्स- नागों ने डेरा डाला है..
    भोलेनाथ तुम्हारे मंदिर में, नागों ने डेरा डाला है

भगवान तुम्हारे मंदिर में, नागों ने डेरा डाला है
नागों ने डेरा डाला है, नागों ने डेरा डाला है

मैं जल, चढ़ाने आई हूँ, और दूध भी, साथ में लाई हूँ
वहाँ तेरी, जटा से ओ भोले, गंगा की धारा बहती है
भोलेनाथ तुम्हारे मंदिर में, नागों ने डेरा डाला है

मैं भांग, चढ़ाने आई हूँ, और धतूरा भी, साथ में लाई हूँ
वहाँ तेरे, हाथों में ओ भोले, डंमरू भी डम डम वजता है
भोलेनाथ तुम्हारे मंदिर में, नागों ने डेरा डाला है

मैं तिलक, लगाने आई हूँ, और हार भी, साथ में लाई हूँ
वहाँ माथे पे, तेरे ओ भोले, चँदा भी चम चम करता है
भोलेनाथ तुम्हारे मंदिर में, नागों ने डेरा डाला है

मैं ढोलक, चिमटा लाई हूँ, और भजन, सुनाने आई हूँ
वहाँ पैरों में, तेरे ओ भोले, घुँघरू भी छम छम करते हैं
भोलेनाथ तुम्हारे मंदिर में, नागों ने डेरा डाला है

  1. लिरिक्स- तेरे डमरू की धुन सुनके,
    तेरे डमरू की धुन सुनके,
    मैं काशी नगरी आई हूँ,
    मेरे भोले ओ बम भोले,
    मैं काशी नगरी आई हूँ ॥

सुना है हमने ओ भोले,
तेरी काशी में मुक्ति है,
उसी मुक्ति को पाने को,
मैं काशी नगरी आई हूँ,
मेरे भोले ओ बम भोले,
मैं काशी नगरी आई हूँ ॥

सुना है हमने ओ भोले,
तेरी काशी में गंगा है,
उसी गंगा में नहाने को,
मैं काशी नगरी आई हूँ,
मेरे भोले ओ बम भोले,
मैं काशी नगरी आई हूँ ॥

सुना है हमने ओ भोले,
तेरी काशी में मंदिर है,
उसी मन्दिर में पूजा को,
मैं काशी नगरी आई हूँ,
मेरे भोले ओ बम भोले,
मैं काशी नगरी आई हूँ ॥

सुना है हमने ओ भोले,
तेरी काशी में भक्ति है,
उसी भक्ति को पाने को,
मैं काशी नगरी आई हूँ,
मेरे भोले ओ बम भोले,
मैं काशी नगरी आई हूँ ॥

तेरे डमरू की धुन सुनके,
मैं काशी नगरी आई हूँ,
मेरे भोले ओ बम भोले,
मैं काशी नगरी आई हूँ ॥

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