अगर राफेल विमान गिरे हैं तो यह बड़ी क्षति है : गौरव गोगोई

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान सोमवार को कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने केंद्र सरकार और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर तीखे सवाल दागे। उन्होंने कहा कि सरकार ने सैन्य कार्रवाई की जानकारी तो दी, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले की तह तक जाने की कोशिश नहीं की गयी और न ही अब तक कोई जवाब दिया गया कि आतंकवादी घाटी में कैसे पहुंचे।
गोगोई ने कहा, “रक्षा मंत्री ने बहुत कुछ बताया, लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि बैसरन घाटी में छुट्टियां मना रहे नागरिकों पर हमला करने वाले आतंकवादी वहां कैसे पहुंचे। 100 दिन बीत गए, लेकिन सरकार अब तक यह नहीं बता सकी कि उन आतंकियों को किसने पनाह दी, जानकारी दी और फरार होने में मदद की।”
उन्होंने कहा कि सरकार के पास ड्रोन, पेगासस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और सीआईएसएफ जैसी तमाम एजेंसियां और उपकरण हैं, फिर भी न तो हमले से पहले कोई सुराग मिला, न ही हमलावर पकड़े गए। गोगोई ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर जवाबदेही से बच रही है। उन्होंने कहा, “गृहमंत्री को पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। आप उपराज्यपाल के पीछे नहीं छिप सकते।”
गोगोई ने यह भी आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना को हुए नुकसान पर सरकार चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने कहा, “अगर कुछ राफेल विमान गिरे हैं, तो यह केवल सैन्य नहीं, रणनीतिक क्षति है। हमें हमारे जवानों और देश से यह सच छिपाना नहीं चाहिए। सरकार को यह बताना होगा कि हमारी सैन्य तैयारी में क्या खामी रही।”
गोगोई ने कहा कि युद्ध केवल हथियारों से नहीं, बल्कि सूचना से भी लड़ा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ ताकतें भ्रम फैलाकर देश को गुमराह कर रही थीं और सरकार ने उस पर भी कोई स्पष्ट स्थिति नहीं रखी। उन्होंने कहा, “पूरा विपक्ष और देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ खड़ा था, लेकिन 10 मई को अचानक युद्धविराम की खबर आई। अगर पाकिस्तान घुटने टेकने को तैयार था, तो आप क्यों रुके? किसके दबाव में रुके?”
उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति 26 बार यह कह चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को युद्धविराम के लिए मजबूर किया। गोगोई ने पूछा, “क्या हमने अमेरिका के सामने आत्मसमर्पण किया?”
गोगोई ने सरकार से सवाल किया कि जब इतने बड़े स्तर पर सैन्य कार्रवाई की गयी, तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेने का प्रयास क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा, “अगर अब नहीं लेंगे तो कब लेंगे? सरकार कहती है हमारा उद्देश्य युद्ध का नहीं था। हम पूछते हैं- क्यों नहीं था?” उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री सऊदी अरब से लौटे, लेकिन पीड़ितों से मिलने न जाकर चुनाव प्रचार के लिए बिहार चले गए, जबकि केवल राहुल गांधी ही पीड़ितों से मिलने पहलगाम पहुंचे। गोगोई ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि उसने चीन के मसले पर चुप्पी साधी और राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में चीन का नाम तक नहीं लिया।

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