छत्तीसगढ़ के भिलाई बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा से ग्राहक का 50 लाख से अधिक का सोना गायब

-बैंक ऑफ बड़ौदा प्रबंधन के खिलाफ अपराध दर्ज, जांच में जुटी पुलिस
दुर्ग /रायपुर{ गहरी खोज }: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला के भिलाई स्थित इंदिरा प्लेस सिविक सेंटर बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा के लॉकर से एक ग्राहक का 50 लाख रुपये से अधिक का सोना गायब हो गया। पुलिस ने खाताधारक की शिकायत पर मामला दर्ज कर इसकी छानबीन में जुट गई है।
हालांकि बैंक प्रबंधन इस मामले में खाताधारक को ही जिम्मेदार ठहरा रहा है। जबकि खाताधारक का कहना है कि उसने या उसके परिवार के किसी भी सदस्य ने लॉकर से सोना नहीं निकाला। इस मामले में भिलाई नगर थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने खाताधारक सेक्टर-5 निवासी दरोगा सिंह की शिकायत पर बैंक ऑफ बड़ौदा प्रबंधन के खिलाफ धारा 316(4) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज किया है।
पीड़ित खाताधारक दरोगा सिंह ने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा में उसे 1991 से लॉकर न 697 आवंटित हुआ था। लॉकर में अपने परिवार का 40 तोला सोना तीन अलग-अलग पोटलियां बनाकर रखा था। लॉकर रूम में सीपेज के कारण लॉकर खोलने में परेशानी होना बताया और इसकी शिकायत करने पर लॉकर की देखरेख करने वाली अनिता कोरेटी एक अस्थाई लॉकर नंबर 547 दिया। इस दौरान पुराना लॉकर ठीक करने के लिए चाबी अपने पास रख लिया।
दरोगा सिंह ने बताया कि 17 जनवरी 2025 को अनिता कोरेटी ने फोन पर बताया कि पुराने लॉकर का सामान अस्थाई लॉकर में रख दिया गया है। पुराना लॉकर ठीक होने के बाद फिर से उसे दे दिया जाएगा। 22 अप्रैल को जब दरोगा सिंह ने अस्थायी लॉकर खोला, तो उसमें से दो पोटलियां गायब थीं। केवल बहू की एक पोटली ही सुरक्षित मिली। दरोगा सिंह ने पुलिस को बताया कि लॉकर केवल वे और उनकी पत्नी ही संचालित करते थे। उनकी बेटी आराधना सिंह ने कभी लॉकर नहीं खोला, इसकी पुष्टि पुलिस को दिए बयान में भी हुई। केवल एक पोटली जो उसकी बहु की थी वही लॉकर में पाया गया। दारोगा सिंह ने बताया कि लॉकर का संचालन वे स्वयं करते हैं और उनके साथ उनकी पत्नी श्यामा सिंह जाती है। उनकी बेटी अराधना सिंह ने कभी भी लॉकर नहीं खोला।
इधर जब इस मामले में दरोगा सिंह ने बैंक प्रबंधन से शिकायत की तो सीनियर मैनेजर अनिता कोरेटी ने कहा कि लॉकर को दरोगा सिंह ने अपनी बेटी के साथ ऑपरेट किया है जबकि पुलिस को दिए बयान में दरोगा सिंह की बेटी ने कहा था, उन्होंने कभी भी लॉकर ऑपरेट नहीं किया। लॉकर खराब होने की शिकायत पर आस्थाई लॉकर बैंक द्वारा दिया गया और पुराने लॉकर को ठीक कराने गोदरेज के टेक्निशियन को सुखविंदर सिंह उर्फ सन्नी को भी बुलाया गया। बैंक द्वारा सन्नी को लॉकर ठीक कराने के लिए लगभग तीन बार बुलाया गया।
बैंक के एक और अधिकारी शरण पाल चुग्गा सीनियर मैनेजर बैंक ऑफ बडौदा ने बताया कि 22 अप्रैल को 2025 को लॉकर इचार्ज अनिता कोरेटी सीनियर मैनेजर के अवकाश पर होने से लॉकर सबंधी कार्य उन्हें दिया गया था। 22 अप्रैल 2025 को दरोगा सिह जिसे लॉकर नंबर 697 आवंटित है वे अपने लॉकर से सामान लेने आये थे। लॉकर को चेक करने उपरांत समान नहीं होने की उन्होंने शिकायत की थी। उनकी शिकायत पर संबंधित रजिस्टर को चेक कर बैंक प्रबंधक को सूचित किया। जांच में यह भी पाया गया कि लॉकर नंबर 697 भी था जिसे बिना खोले ही केवल ऑयलीग किया गया था। उसके बाद उस लॉकर को पुन: और रिपेयरिंग नहीं करना बताया। मैकेनिक के रिपेयरिंग करने उपरांत कौन- कौन से लॉकर ठीक नहीं हुए थे, इस संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई।
थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा ने बताया है कि आरबीआई के गाइडलाइन के अनुसार लॉकर के सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी बैंक प्रबंधन की है। पुलिस बैंक प्रबंधन, लॉकर प्रभारी और टेक्नीशियन से पूछताछ कर रही है। पुलिस चोरी की संभावना से भी इनकार नहीं कर रही है।