क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी, आखिर क्या है इसका धार्मिक महत्व?

धर्म { गहरी खोज } : पवित्र माह सावन अपनी समापन की ओर बढ़ रहा है, सावन में कई बड़े पर्व आते हैं, जिनमें से एक है नागपंचमी। यह हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार नाग पंचमी 29 जुलाई को मनाई जा रही है। सनातन धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन हर घर में नाग देव की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन नाग पूजा करने से व्यक्ति विशेष के कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है। ऐसे में सवाल आता है कि आखिर क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी, क्या है इसका महत्व?
नाग पंचमी के शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी 29 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी, यह तिथि 28 जुलाई की रात 11.24 बजे शुरू होगी और 30 जुलाई की सुबह 12.46 बजे खत्म होगी। नाग पंचमी के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त 29 जुलाई की सुबह 05.41 से सुबह 08.23 तक रहेगा।
क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी?
भविष्य पुराण के मुताबिक, सुमंतु मुनि ने शतानीक राजा को नाग पंचमी की कथा के बारे में जानकारी दी थी। मान्यता है कि सावन शुक्ल पक्ष के पंचमी के दिन नाग लोक में बहुत बड़ा उत्सव होता है। पंचमी तिथि पर नागों को गाय के दूध से स्नान कराने का विधान है, कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति के कुल को नागराज अभय दान देते हैं। महाभारत में जन्मेजय के नाग यज्ञ की कहानी है, जिसके मुताबिक जन्मेजय के नागयज्ञ के दौरान बड़े-बड़े विकराल नाग अग्निकुंड में जलने लगे, उस समय आस्तिक नामक ब्राह्मण सर्प यज्ञ रोककर नागों की रक्षा की थी यह पंचमी की तिथि थी। इसी के बाद यह नाग पंचमी मनाई जाने लगी।
नाग पंचमी की महत्व
माना जाता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से कुंडली में मौजूद कालसर्प दोष के प्रभाव समाप्त हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।