बिहार में मतदाता सत्यापन का पहला चरण पूरा, एक अगस्त से कर सकेंगे दावा-आपत्ति

नई दिल्ली{ गहरी खोज }:बिहार में 24 जून से 25 जुलाई तक चलाए गए मतदाता सत्यापन अभियान (एसआईआर) के पहले चरण में 7.24 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने फॉर्म जमा कराये हैं। अब 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज कराई जा सकती है।
चुनाव आयोग ने रविवार को एक बयान में बताया कि बिहार में 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 91.8 प्रतिशत से अधिक ने एन्यूमरेशन फॉर्म जमा किये हैं। इस कार्य में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी, 243 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी, 2,976 सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी, 77,895 मतदान केंद्रों पर तैनात बीएलओ, स्वयंसेवक तथा सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के 1.60 लाख से अधिक बूथ स्तर एजेंट (बीएलए) शामिल रहे।
पहले चरण के दौरान बिहार के प्रत्येक मतदाता को घर जाकर बीएलओ ने फॉर्म वितरित किए और फिर भरे हुए फॉर्म एकत्र किए गए। इसके अतिरिक्त 29 लाख से अधिक फॉर्म ऑनलाइन भरे या डाउनलोड किए गए। चुनाव आयोग ने विशेष रूप से शहरी मतदाताओं, नवयुवकों और अस्थायी प्रवासियों पर ध्यान केंद्रित किया। राज्य के सभी 261 नगरीय निकायों की 5,683 वार्डों में विशेष शिविर आयोजित किए गए। साथ ही 1 जुलाई को या उससे पहले 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवाओं को मतदाता सूची में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 1 अगस्त से 1 सितंबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा।
आयोग का कहना है कि उसकी ओर से राजनीतिक दलों को मृतक, स्थानांतरित या अनुपलब्ध मतदाताओं की सूची उपलब्ध कराई गई है। इससे वे क्षेत्रीय सत्यापन कर सकते हैं। 10.2 करोड़ से अधिक एसएमएस भी भेजे गए, जिससे फॉर्म की प्राप्ति की पुष्टि मतदाताओं को मिल सके। चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाली मसौदा मतदाता सूची से किसी नाम को हटाने के लिए स्पष्टीकरण युक्त आदेश अनिवार्य होगा। ऐसे किसी निर्णय से असहमति होने पर मतदाता जिलाधिकारी या मुख्य निर्वाचन अधिकारी से अपील कर सकते हैं।
आयोग के मुताबिक बुजुर्गों, दिव्यांगों और अन्य कमजोर वर्गीय की सहायता के लिए विशेष स्वयंसेवक नियुक्त किए गए हैं। वे सरकारी दस्तावेज प्राप्त करने में उनकी मदद करेंगे। इसके अलावा 1 अगस्त से शुरू हो रहे दावे-आपत्तियों के चरण में फॉर्म भरने, अपील करने और सूचना प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं।