आतंकवादियों के लिए कहीं भी सुरक्षित पनाहगाह नहीं है , ऑपरेशन सिंदूर ने दिया संदेश : मोदी

चेन्नई { गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर ने पूरे विश्व को ये दिखा दिया है कि अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के खिलाफ किसी भी खतरे को लेकर को लेकर भारत का रूख कितना दृढ़ और निर्णायक है। उन्होंने कहा कि इस अभियान ने ये साफ संदेश भी दे दिया है कि आतंकवादियों और देश के दुश्मनों के लिए कोई भी सुरक्षित पनाहगाह नहीं है।
प्रधानमंत्री ने गंगईकोंडा चोलपुरम में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के लोगों को नया आत्मविश्वास दिया है और पूरा विश्व इसे देख रहा है। श्री मोदी गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में आदि तिरूवथिराई उत्सव के मौके पर यहां आये थे जो राजा राजेन्द्र चोल-1 की दक्षिण पूर्व की समुद्रीय यात्रा, उनकी जयंती और राजा द्वारा गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर के निर्माण के 1000 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आज का भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा , “दुनिया ने भारत का उसकी संप्रभुता के विरुद्ध किसी भी खतरे का दृढ़ और निर्णायक जवाब देखा है। ऑपरेशन सिंदूर ने स्पष्ट संदेश भी दिया है कि आतंकवादियों और राष्ट्र के दुश्मनों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है।”
राजा राजेन्द्र चोल की विरासत का जिक्र करते हुए मोदी ने गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर का उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने अपने पिता के सम्मान में इस मंदिर के गोपुरम (मंदिर टावर) की ऊंचाई को पिता द्वारा तंजावुर में बनवाये गये बृहदेश्वर मंदिर से नीचे रखा।
उन्होंने कहा, “चोल काल की आर्थिक और सामरिक प्रगति आधुनिक भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। राजराजा चोल ने एक शक्तिशाली नौसेना की स्थापना की, जिसे राजेंद्र चोल ने और मजबूत किया। चोल साम्राज्य ने नए भारत के निर्माण के लिए एक प्राचीन रोडमैप के रूप में कार्य किया।”
श्री मोदी ने कहा कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए राष्ट्रीय एकता को प्राथमिकता देनी होगी। इसके साथ ही अपनी नौसेना और रक्षा बलों को मजबूत करना होगा तथा नए अवसरों की तलाश करनी होगी। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि देश इसी दृष्टिकोण से प्रेरित होकर आगे बढ़ रहा है।