खेलो भारत नीति का लक्ष्य भारत को खेल महाशक्ति बनाना :मोदी

नई दिल्ली{ गहरी खोज }:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 124वें संस्करण में ‘खेलो भारत नीति 2025’ के लक्ष्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इसका लक्ष्य भारत को खेल महाशक्ति बनाना है। उन्होंने कहा कि गांव, गरीब और बेटियां इस नीति की प्राथमिकता हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि बीते दिनों मुझे कई युवा एथलीट और उनके अभिभावकों के संदेश मिले हैं। इनमें ‘खेलो भारत नीति 2025’ की खूब सराहना की गई है। इस नीति का लक्ष्य साफ है, भारत को खेल महाशक्ति बनाना। गांव, गरीब और बेटियां इस नीति की प्राथमिकता है। स्कूल और कॉलेज, अब खेल को रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाएंगे। खेलों से जुड़े स्टार्टअप्स, चाहे वो स्पोर्ट्स प्रबंधन हों या उत्पादन से जुड़े हों- उनकी हर तरह से मदद की जाएगी। सोचिए, जब देश का युवा खुद के बनाए रैकेट, बैट और बॉल के साथ खेलेगा, तो आत्मनिर्भरता के मिशन को कितनी बड़ी ताकत मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि खेल, टीम स्पिरिट पैदा करते हैं। ये फिटनेस, आत्मविश्वास और एक मजबूत भारत के निर्माण का रास्ता है इसलिए खूब खेलिए, खूब खिलिए।
विश्व पुलिस और अग्निशमन खेल की चर्चा कीप्रधानमंत्री मोदी ने विश्व पुलिस और अग्निशमन खेल में भारत के एतिहासिक प्रदर्शन की चर्चा की। उन्होंने कहा कि क्या आप जानते हैं कि ओलंपिक के अलावा सबसे बड़ा खेल आयोजन कौन-सा होता है? इसका जवाब है- विश्व पुलिस और अग्निशमन खेल। दुनियाभर के पुलिसकर्मियों, अग्निशमन कर्मियों और सुरक्षा से जुड़े लोगों के बीच होने वाली खेल प्रतियोगिता। इस बार यह प्रतियोगिता अमेरिका में आयोजित हुई और इसमें भारत ने इतिहास रच दिया। भारत ने करीब 600 मेडल जीते। हम 71 देशों में टॉप तीन पहुंचे। उन वर्दीधारियों की मेहनत रंग लाई जो दिन-रात देश के लिए खड़े रहते हैं। हमारे ये साथी अब खेल के मैदान में भी झंडा बुलंद कर रहे हैं।
2029 में भारत में होगा आयोजनप्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मैं सभी खिलाड़ियों और कोचिंग टीम को बधाई देता हूं। साथ ही प्रधानमंत्री ने बताया कि आपके लिए ये भी जानना दिलचस्प होगा कि 2029 में यह खेल भारत में होंगे। दुनिया-भर से खिलाड़ी हमारे देश आएंगे। हम उन्हें भारत की मेहमान-नवाजी दिखाएंगे, अपनी खेल संस्कृति से परिचय कराएंगे।