बिहार में ऊर्जा विभाग ने चार बिजली उत्पादन कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

-समझौतों पर अनुमानित 5,337 करोड़ रुपये का निवेश होगा
पटना{ गहरी खोज }: बिहार में ऊर्जा विभाग ने शनिवार को बिजली उत्पादन क्षमता विकसित करने के लिए चार कंपनियों के साथ समझौता किया है। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देना है। इस समझौते के तहत, इन कंपनियों द्वारा विभिन्न प्रकार की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, और अन्य को स्थापित किया जाएगा।
बिहार ऊर्जा विभाग ने राज्य में 2,357 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता विकसित करने के लिए चार कंपनियों के साथ समझौता किया है। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देना है। इस समझौते के तहत, इन कंपनियों द्वारा विभिन्न प्रकार की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, और अन्य, को स्थापित किया जाएगा।
बिहार में अक्षय ऊर्जा के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऊर्जा विभाग ने अक्षय ऊर्जा और पंप स्टोरेज के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न बिजली कंपनियों के साथ 2,357 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन परियोजनाओं पर लगभग 5,337 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार सरकार द्वारा जारी नवीकरणीय ऊर्जा प्रोत्साहन नीति-2025 एवं पंप्ड स्टोरेज परियोजना प्रोत्साहन नीति-2025 के माध्यम से राज्य देश-विदेश के ऊर्जा निवेशकों को आमंत्रित कर रहा है। ये नीतियां स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने, निवेश को आकर्षित करने और राज्य को नेट जीरो के राष्ट्रीय लक्ष्य में सक्रिय भागीदार बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। हम निवेशकों को हर आवश्यक सुविधा एवं सहयोग उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मौके पर उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने अपने कहा कि राज्य सरकार ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रही है और हम इसे उद्योग विकास के साथ जोड़कर एक समग्र हरित विकास मॉडल स्थापित करना चाहते हैं। जल्द ही राज्य सरकार बिहार इंडस्ट्रियल पॉलिसी-2025 को लाने जा रही है, जिससे न केवल उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
नीतीश मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार ने कुछ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स या इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर अप्रूव किया है, उनमें 1700 एकड़ में गयाजी में अभी इस क्लस्टर को विकसित किया जा रहा है, जहां कंपनियां पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों में निवेश कर सकेंगी। हमारी कोशिश है कि उद्योगों और ऊर्जा के इस समन्वय से बिहार एक स्थायी और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढ़े।
उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने कहा कि बिहार सरकार का लक्ष्य केवल ऊर्जा उत्पादन नहीं, बल्कि उसे राज्य के औद्योगिक विकास से भी जोड़ना है। बिहार जैव ईंधन उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2025 के माध्यम से ईथेनॉल, कम्प्रेस्ड बायोगैस जैसे क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित कर रहे हैं। इस नीति के तहत पूंजी अनुदान, ब्याज अनुदान, स्टेट जीएसटी और बिजली शुल्क में छूट के साथ ही स्थानीय रोजगार और कौशल विकास को भी बढ़ावा दिया गया है। राज्य सरकार उद्योगपतियों को हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि बिहार जैव ईंधन एवं हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन सके।