डॉ. आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में भी पूरे जोश से मनाया गया कारगिल विजय दिवस
नन्हे-मुन्ने बच्चों ने सेना की वर्दी में रंगारंग कार्यक्रम करके राष्ट्र भक्ति का जोश भरा नई दिल्ली{ गहरी खोज }: पाकिस्तान के खिलाफ 1999 में दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र कारगिल में लड़ी गई लड़ाई का विजय दिवस शनिवार को राजधानी के डॉ. आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में भी मनाया गया। नन्हे-मुन्ने बच्चों ने सेना की वर्दी में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करके राष्ट्र भक्ति का जोश भर दिया। मुख्य अतिथि सांसद अनुराग ठाकुर ने मां भारती का प्रचंड जयघोष करके देश भक्ति जगाने का कार्य किया। विशिष्ट अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल विनोद खंडारे ने युवा छात्रों को राष्ट्र के लिए योगदान देने की उनकी क्षमता के बारे में बताया। देशभर में आज 26वां कारगिल विजय दिवस मनाया गया, क्योंकि भारत 1999 में ‘ऑपरेशन विजय’ के दौरान अपने सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। उनके अटूट संकल्प ने निर्णायक विजय दिलाई और राष्ट्रीय संप्रभुता को अक्षुण्ण रखा। इसी मौके पर डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र (डीएआईसी) में कर्नल आकाश पाटिल की देखरेख में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कारगिल में भारतीय सेना की विजय, देश की विरासत है… टैगलाइन के तहत स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये। सेना की वर्दी में बच्चों ने देशभक्ति का जोश भरा। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से सांसद एवं कोयला, खान और इस्पात संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने कहा कि कारगिल विजय दिवस हमारे वीर जवानों की अदम्य साहस और शौर्य की गौरव गाथा है। आज का दिन 1999 का वह दिन याद दिलाता है, जब पाकिस्तानी सेना नापाक इरादे लेकर भारतीय सीमा में दाखिल हुई थी और हमारे जवानों ने उस मुश्किल घड़ी में पाकिस्तानी सेना को करारा जवाब देते हुए उन्हें पीछे खदेड़ दिया। उन्होंने कहा कि कारगिल में हमने केवल युद्ध नहीं जीता था, बल्कि हमने ‘सत्य, संयम और सामर्थ्य’ का अद्भुत परिचय दिया था। देश के विभिन्न प्रांतों के सैनिकों के साथ हिमाचल के जवानों ने भी इस कारगिल युद्ध में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और मां भारती की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति दे दी। सांसद ठाकुर ने कहा कि इस लड़ाई में हिमाचल के अमर सपूत परमवीर चक्र विजेता स्व. कैप्टन विक्रम बत्रा और संजय कुमार ने अद्भुत पराक्रम का परिचय देते हुए देश और दुनिया में वीर भूमि हिमाचल प्रदेश का मान बढ़ाया। देश कैप्टन सौरभ कालिया व हिमाचल के 52 जवानों की शहादत को कभी नहीं भूल सकता। मैं उन सभी जवानों को नमन करता हूं, जिन्होंने देश रक्षा में अपने प्राण देकर भारत को विजय दिवस मनाने का अवसर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी आज की पीढ़ी भारतीय सेना की शौर्य गाथाओं से अछूती ना रह जाए, इसके लिए समय-समय पर विभिन्न आयोजन करना आवश्यक है। आज कारगिल विजय दिवस के अवसर पर दिल्ली स्थित अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में युवाओं व गणमान्यों के साथ मां भारती के वीर सपूतों को नमन करते हुए सभा को संबोधित करने का मौका मिला। सांसद ठाकुर की इन लाइनों ने उपस्थित लोगों में जोश भर दिया कि…रक्त वीर शहीदों का था, हर सपूत बलिदानी था, विजय दिवस की शौर्य पताका थामे हर जवान अभिमानी था…। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने दुनिया के सामने अपने शौर्य और पराक्रम के कई प्रतीक स्थापित किए है। 1999 में जब पाकिस्तान की सेना कारगिल में घुसपैठ कर दुर्गम चोटियों से हमले कर रही थी, तो ऐसे में हमारी भारतीय सेना ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मनों के पांव उखाड़कर वीरता की एक नई परिभाषा गढ़ी थी। कारगिल की विजय ये किसी सरकार की विजय नहीं थी, कारगिल की विजय ये किसी दल की नहीं थी। ये विजय देश की थी, ये विजय देश की विरासत है। ये देश के गर्व और स्वाभिमान का पर्व है। विशिष्ट अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल विनोद खंडारे ने डीएआईसी में 26वें कारगिल विजय दिवस समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने श्रोताओं का पूरा ध्यान अपनी ओर खींचा और युवा छात्रों को राष्ट्र के लिए योगदान देने की उनकी क्षमता के बारे में बताया।