‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी, सेनाएं किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए 24 घंटे तैयार : सीडीएस

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  • सशस्त्र बलों की सैन्य तैयारियां पूरे साल 24 घंटे उच्च स्तर पर बनी रहनी चाहिए
    नई दिल्ली{ गहरी खोज }:चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को फिर दोहराया कि पाकिस्तान और पीओके में आतंकी संगठनों के खिलाफ भारत का सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी है और सेनाएं दूसरी तरफ से किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए चौबीसों घंटे तैयार हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सेना के लिए ‘शस्त्र’ (युद्ध) और ‘शास्त्र’ (ज्ञान) दोनों सीखना जरूरी है और सशस्त्र बलों की तैयारी का स्तर पूरे साल 24 घंटे बहुत ऊंचा होना चाहिए। सीडीएस चौहान ने कहा कि आज हम उस मोड़ पर खड़े हैं, जिसे ‘सैन्य युद्ध में तीसरी क्रांति’ कहा जा सकता है।
    सीडीएस चौहान आज नई दिल्ली में ‘नंबर 4 युद्ध और एयरोस्पेस रणनीति कार्यक्रम’ के तत्वावधान में ‘एयरोस्पेस पावर: भारत की संप्रभुता का संरक्षण और राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाना’ विषय पर सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दोहराया कि हम प्रौद्योगिकी के निरंतर विकास से प्रेरित एक अभूतपूर्व गति देख रहे हैं। युद्ध का यह रूप गतिज और गैर-गतिज साधनों का सम्मिश्रण करता है, पहली और दूसरी पीढ़ी के युद्ध के तत्वों को तीसरी पीढ़ी के युद्ध के साथ जोड़ता है। यह सामरिक, परिचालन और रणनीतिक क्षेत्रों का एकीकरण है।
    सीडीएस चौहान ने कहा कि पाकिस्तान और पीओके में आतंकी संगठनों के खिलाफ भारत का सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी है और सेनाएं दूसरी तरफ से किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए चौबीसों घंटे तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि मैंने पहले कहा था कि युद्ध में कोई दूसरा नहीं होता है और ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारी तैयारी का स्तर बहुत ऊंचा होना चाहिए। जनरल अनिल चौहान ने कहा कि तकनीक उन्नत हो गई है, इसलिए आज युद्ध के सभी तीनों स्तरों सामरिक, परिचालनात्मक और रणनीतिक में महारत हासिल करने की आवश्यकता है। सीडीएस चौहान ने कहा कि आज हम उस मोड़ पर खड़े हैं, जिसे ‘सैन्य युद्ध में तीसरी क्रांति’ कहा जा सकता है।

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