शिक्षक को केवल ज्ञान का प्रसारक नहीं, बल्कि नवाचार का समर्थक बनना होगा: नरसी राम बिश्नोई

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हिसार{ गहरी खोज }: गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस (एचएसबी) में नवाचार और उद्यमिता पर एक सप्ताहीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी-आईई) का शुभारंभ हुआ। यह कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय की नवाचार इकाई (एमआईसी) और एआईसीटीई द्वारा संयुक्त रूप से प्रायोजित है। इस एफडीपी का उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को नवाचार और उद्यमशीलता के क्षेत्र में सशक्त बनाना है, जिससे वे अपने संस्थानों में नवाचार समर्थक वातावरण तैयार कर सकें। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने मंगलवार काे अपने संदेश में आयोजकों और प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज के शिक्षक को केवल ज्ञान का प्रसारक नहीं, बल्कि नवाचार का समर्थक और प्रेरक बनना होगा। जब हम विद्यार्थियों से उम्मीद करते हैं कि वे नई सोच के साथ आगे बढ़ें, तो हमें स्वयं भी उस सोच को आत्मसात करना होगा। यह कार्यक्रम केवल एक प्रशिक्षण नहीं, बल्कि शिक्षकों को नवाचार की ओर प्रेरित करने वाला राष्ट्रीय परिवर्तन का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस एफडीपी के माध्यम से सभी प्रतिभागी न केवल अपनी सोच को विस्तृत करेंगे, बल्कि विद्यार्थियों के लिए एक नया दृष्टिकोण भी विकसित करेंगे।
कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित कुलपति के तकनीकी सलाहकार प्रो. विनोद छोकर ने अपने सम्बोधन में एमआईसी, एआईसीटीई और आयोजन समिति को धन्यवाद देते हुए कहा कि हम ऐसे समय में जी रहे हैं जहां नवाचार कोई विलासिता नहीं, बल्कि आवश्यकता बन चुका है।उन्होंने कहा कि ऐसे एफडीपी कार्यक्रम शिक्षकों को नवाचार आधारित सोच विकसित करने और सामाजिक-पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करते हैं। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रीजनल सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट, चंडीगढ़ निदेशक परमजीत सिंह ने अपने संबोधन में प्रतिभागियों को वास्तविक अनुभवों और प्रेरक कहानियों से रूबरू कराया।
एचएसबी के डीन प्रो. कर्मपाल नरवाल ने एफडीपी के व्यापक संदर्भ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शिक्षकों का नवाचार एवं उद्यमशीलता में सशक्तिकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अगर हम रोजगार सृजित करना चाहते हैं तो हमें नौकरी देने वाले तैयार करने होंगे। एफडीपी की संयोजक प्रो. सुनीता रानी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह कार्यक्रम सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों पहलुओं को समाहित करता है। सह-संयोजक डॉ. मणि श्रेष्ठ ने सभी का धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम में हरियाणा के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों से प्रबंधन, कंप्यूटर एप्लीकेशंस और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों से संबंधित 50 से अधिक शिक्षक भाग ले रहे हैं।

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