ऑपरेशन सिन्दूर पर चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस ने राज्य सभा में प्रश्नकाल में कांग्रेस ने किया बहिर्गमन

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन राज्य सभा में सभी विधायी काम छोड़ कर पहले ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करने की मांग को लेकर हंगामा किया और कांग्रेस के सदस्य प्रश्न काल की कार्यवाही के दौरान सदन से बाहर चले गये।
सुबह के सत्र में विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्रवाई 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी थी। दोहपर 12 बजे प्रश्न काल शुरू होते ही उप सभापति हरिवंश ने नागर विमान मंत्रालय से जुड़े सवाल उठाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के भीम सिंह चंद्रवंशी का नाम पुकारा। इसी दौरान कांग्रेस के सदस्य ऑपरेशन सिन्दूर पर चर्चा कराये जाने की मांग को लेकर आगे की सीटों पर एकत्र हो गये।
उप सभापति ने उनके शोर शराबे और नारेबाजी के बीच प्रश्न काल की कार्यवाही जारी रखी। कांग्रेस के सदस्य कुछ देर बाद सदन से उठ कर बाहर चले गये और पूरे प्रश्न काल का बहिष्कार किया। इस दौरान आम आदमी पार्टी, द्रमुक, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्यों ने नागर विमानन मंत्री से अपने-अपने पूरक प्रश्न पूछे। प्रश्नकाल की कार्यवाही एक बजे पूरा होने के बाद उप सभापित ने बैठक भोजनावकाश के लिए दो बजे तक स्थगित कर दी।
इससे पहले पूर्वाह्न 11 सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों के शपथ ग्रहण और दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि के तुरंत बाद अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंवादियों के ठिकानों पर मई में भारत की सैन्य कार्रवाई से जुड़े मुद्दों पर नियम 267 के तहत सभी विधायी कामकाज रोक कर सबसे पहले चर्चा कराने की मांग को लेकर काफी देर तक हंगामा किया। इसकी वजह से सदन की कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा के लिए तैयार है और वह दोपहर में सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ सलाह कर चर्चा की तिथि और समय निर्धारित करेंगे। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे सहित अनेक सदस्यों ने उच्च सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिये थे। सभापति ने कहा कि इन सभी नाेटिसों को नियमों के विरुद्ध बताते हुए इन्हें नामंजूूर कर दिया गया है।
इस पर विपक्षी दल के सदस्यों की ओर से सदन में शोरगुल बढ़ गया।
नेता सदन जगत प्रकाश नड्डा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इस सदन के माध्यम से कहीं यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि सरकार इस विषय पर चर्चा नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है और सारी बातें सदन में रखी जायेंगी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सदस्य सामिक भट्टाचार्य ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कराने के लिए नियम 167 के तहत नोटिस दिया था और सभापति ने इसे स्वीकार कर लिया है।
विपक्षी सदस्यों ने उनके इतना कहते ही जोर-जोर से बोलना शुरू कर दिया और वे नारेबाजी करने लगे।
सभापति ने विपक्षी सदस्योंं से सदन में शांति बनाये रखने और सदन को सुचारू ढंग से चलने देने की अपील की, लेकिन इसका असर न होते देख सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।
इससे पहले श्री धनखड़ ने सदन को बताया कि उन्हें सदन में कार्यस्थगन प्रस्ताव के संबंध में विभिन्न सदस्यों के 18 नोटिस मिले हैं। ये नाेटिस बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण, पहलगाम आतंकवादी हमले, उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के बंद होने, अमेरिका तथा यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते और कुछ राज्यों में बुलडोजर कार्रवाई से संबंधित विषयों पर दिये गये हैं।

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