2500वें विद्युत रेल इंजन का लोकार्पण, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में विशेष उपलब्धि

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) ने एक और स्वर्णिम अध्याय रचते हुए शनिवार को अपने 2500वें विद्युत रेल इंजन को राष्ट्र को समर्पित किया। यह गौरवपूर्ण लोकोमोटिव आधुनिक तकनीक से लैस डब्ल्यूएपी-7 श्रेणी का है, जिसे बरेका के महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने विशेष समारोह में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर बरेका की महिला कार्यबल अनिता देवी (फिटर), श्रुति श्रीवास्तव (सहायक), मो. निजामुद्दीन (एसएसई) एवं कृष्ण कुमार (एमसीएम) की उपस्थिति और सक्रिय सहभागिता ने महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की।
नरेश पाल सिंह ने कहा कि 2017 में केवल 2 विद्युत इंजनों से शुरू हुई बरेका की यात्रा महज 8 वर्षों में 2500 तक पहुंच गई है। अब तक बरेका द्वारा कुल 10,822 लोकोमोटिव बनाए जा चुके हैं, जिनमें 7498 डीज़ल, 2500 विद्युत, 641 गैर-रेलवे उपयोग के डीज़ल इंजन, 174 निर्यात, 1 ड्यूल ट्रैक्शन और 8 कन्वर्जन इंजन शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में बरेका ने रिकॉर्ड 472 इलेक्ट्रिक इंजन बनाए, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ी छलांग है। 2500वां इंजन दक्षिण पश्चिम रेलवे के कृष्णराजपुरम शेड को भेजा जा रहा है। नरेश पाल सिंह ने कहा कि हाल ही में बरेका को मोज़ाम्बिक रेलवे से 10 डीज़ल-इलेक्ट्रिक लोको का ऑर्डर भी मिला है, जिनमें से 2 की आपूर्ति जून में हो चुकी है और बाकी दिसंबर तक पूरी की जाएगी।

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