लोकसभा अध्यक्ष ने कोरिया के पूर्व पीएम से मुलाकात में भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को संसद भवन में दक्षिण कोरिया के पूर्व प्रधानमंत्री किम बू क्यूम के नेतृत्व वाले एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की अटूट नीति को दोहराया। बिरला ने जम्मू-कश्मीर में हुए हालिया आतंकवादी हमले कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस प्रकार की जघन्य घटनाएं अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अंतरात्मा को झकझोर देती हैं।
बिरला ने कोरिया की जनता को हाल ही में सम्पन्न राष्ट्रपति चुनाव के सफल आयोजन पर बधाई दी और भारतीय संसद की ओर से नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ली जे-म्युंग को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रपति ली के नेतृत्व में भारत-कोरिया संबंध और अधिक प्रगाढ़ होंगे, विशेष रूप से इस बात को ध्यान में रखते हुए कि वे पहले कोरिया-भारत संसदीय मैत्री समूह के अध्यक्ष रह चुके हैं। कोरियाई लोकतंत्र की मजबूती को रेखांकित करते हुए बिरला ने कहा कि भारत, जो विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति इस साझा प्रतिबद्धता को अत्यंत महत्व देता है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों की संसदें अपनी-अपनी जनता की आकांक्षाओं और विविधता को प्रतिबिंबित करती हैं।
बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने प्रतिनिधिमंडल को सूचित किया कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें विधायी कार्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
शासन में प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी भूमिका को रेखांकित करते हुए बिरला ने बताया कि भारतीय संसद ने पारदर्शिता, दक्षता और नागरिक सहभागिता को बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग सहित अत्याधुनिक डिजिटल उपकरणों को अपनाया है। उन्होंने दक्षिण कोरिया के साथ इस अनुभव और तकनीकी विशेषज्ञता को साझा करने की इच्छा व्यक्त की, ताकि लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं को सुदृढ़ किया जा सके।
कोरियाई राष्ट्रीय विधानसभा में कोरिया-भारत संसदीय मैत्री समूह के गठन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बिरला ने जानकारी दी कि भारतीय संसद में भी ऐसा ही एक समूह गठित करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये तंत्र संसदीय आदान-प्रदान और आपसी सहयोग को और अधिक गहरा करेंगे। बैठक का समापन करते हुए बिरला ने विश्वास जताया कि भारत और कोरिया, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में लोकतांत्रिक साझेदार के रूप में, शांति, सुरक्षा और आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने के लिए मिलकर कार्य करते रहेंगे।