हरियाली अमावस्या कब है? यहां जानें शुभ मुहूर्त और दान का महत्व

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धर्म { गहरी खोज } : भगवान शंकर का प्रिय माह सावन चल रहा है, जिसका 9 अगस्त तक समापन होना है। इसी माह में अमावस्या तिथि पर हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए विशेष पूजा का विधान है। मान्यता है कि पितृकार्य और शिवपूजन करने से पितृ समेत देवों का आशीष मिलता है। साथ ही भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं और जातक को सुख-समृद्धि का वरदान मिलता है।

कब है हरियाली अमावस्या?
इस बार अमावस्या तिथि की शुरुआत 24 जुलाई की रात 02.28 बजे ही हो जाएगी, और समापन अगले दिन 25 जुलाई के दोपहर 12.40 बजे होगी। हिंदू धर्म में उदया तिथि की मान्यता के कारण 24 जुलाई को ही हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी।

शुभ मुहूर्त और योग

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4:15 बजे से 4:57 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:00 बजे से 12:55 बजे तक
अमृत काल- दोपहर 2:26 से 3:58 बजे तक
सर्वार्थ सिद्ध योग- पूरे दिन
गुरु पुष्य योग- शाम 4:43 बजे से आरंभ होगा और अगले दिन सुबह 05:39 बजे तक
हरियाली अमावस्या का महत्व
पुराणों के मुताबिक, सावन माह में किया गया दान, स्नान, पूजन और तप विशेष पुण्यफल देता है। इस दिन किए गए व्रत, पूजा और तर्पण से जातक के पूर्व जन्म के साथ इस जीवन में भी किए गए सभी पाप धुल जाते हैं। साथ ही जातक को जीवमें सुख-समृद्धि और शांत की अनुभूति होती है।

इस दिन क्या करें?

इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करें।
गंगा के तट पर पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करना शुभ माना जाता है।
भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करें।
वटवृक्ष या पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं।
जरूरतमंद व गरीब के बीच भोजन, वस्त्र और धन दान करें।

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