हिन्दू लड़कियों का शोषण और धर्मांतरण

संपादकीय { गहरी खोज }: हिन्दू लड़कियों के शोषण और धर्मांतरण को लेकर देशभर में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा चर्चा में है। धर्मांतरण के लिए जमालुद्दीन को करोड़ों रुपए इस्लामिक देशों से मिले थे। यह बात पुलिस की छानबीन में सामने आ चुकी है। एक योजनाबद्ध तरीके से धर्मांतरण के इस खेल में एक नहीं अनेक लोग शामिल थे। अब धीरे-धीरे सब बेनकाब हो रहे हैं और कानून का शिकंजा इन समाज व देश विरोधियों विरुद्ध कसता जा रहा है। देश में हिन्दू लड़कियों के धर्मांतरण को प्रोत्साहित करने के लिए 10 से 15 लाख रुपए लड़की की जाति देखकर इनाम के रूप में रखे जाते थे। जिन लड़कियों ने हिन्दू धर्म में वापसी की है अब उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। हिन्दुओं प्रति नफरत इस हद तक है कि हर स्तर पर हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने में कट्टरपंथियों को सकून मिलता है।
गाजियाबाद में कांवड़ मार्ग पर स्थित जूस कॉर्नर की दुकान पर जूस में मूत्र और थूक मिलाने का मामला सामने आया है। विश्व हिन्दू परिषद के महानगर प्रचार प्रमुख अश्वनी शर्मा अनुसार सिहानी चुंगी पुलिस चौकी के सामने कांवड़ मार्ग पर दिल्ली जूस कॉनर्र के नाम से दुकान है। इस दुकान का मालिक बहराइच जनपद निवासी सलमान बताया जाता है। दुकान पर महताब और जीशान नामक दो कारीगर काम करते हैं। अश्वनी शर्मा ने बताया कि रविवार दोपहर को 2 युवक दिल्ली जूस कॉर्नर पर जूस पीने पहुंचे थे। जहां कारीगरों द्वारा उन्हें जूस में थूक मिलाकर देने का मामला सामने आया। युवकों द्वारा जूस की वीडियो बनाई गई और उनसे संपर्क किया गया। सूचना मिलते ही वह अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। अश्वनी का कहना है कि सूचना बाद पहुंची पुलिस ने दुकान के भीतर से मूत्र से भरी बोतल बरामद की है। आरोप है कि समुदाय विशेष से ताल्लुक रखने वाले आरोपी कांवड़ यात्रा के दौरान माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं। इतना ही नहीं आरोपियों ने लोगों और कांवड़ियों को गुमराह करने के लिए अपनी दुकान का नाम दिल्ली जूस कॉर्नर रखा हुआ है। अश्वनी शर्मा अनुसार जांच से पता चला है कि उक्त मालिक की आसपास के इलाकों में दिल्ली जूस कॉर्नर के नाम से कई दुकानें हैं। जहां उसके द्वारा इलाकों में दिल्ली जूस कॉर्नर के नाम जूस में मूत्र और थूक जेहाद को अंजाम दिया जा रहा है। इस संबंध में अश्वनी शर्मा ने आरोपियों के खिलाफ एसीपी नंदग्राम को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। दूसरा मामला शाहजहांपुर का है। माथे पर तिलक, कलाई में कलावा बांधकर खुद को शिव वर्मा बताने वाला नावेद उर्फ कासिब लव जिहाद कर रहा था। उसने 18 हिंदू लड़कियों को जाल में फंसाकर शारीरिक शोषण किया। उन्हें जिस स्थान पर मिलने बुलाता, वहां छिपे कैमरे में रिकार्डिंग करने के बाद ब्लैकमेलिंग शुरू कर देता था। एक युवती ने आवाज उठाई तो नावेद व उसका भाई कैफ बंधक बनाकर उससे सामूहिक दुष्कर्म करते रहे। मतांतरण के लिए प्रताड़ित किया। नावेद गिरफ्तार किया गया तो उसके मोबाइल फोन से भी काली करतूतों के दर्जनों प्रमाण मिले। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि दो वर्ष पहले इंस्टाग्राम पर नावेद से परिचय हुआ था। वह माथे पर तिलक, हाथ में कलावा बांधे हुए फोटो पोस्ट करता था। वह अपना नाम शिव वर्मा बताकर प्रेम संबंधों का नाटक करने लगा। वह मिलता था तो बात-बात पर देवी-देवताओं की कसम खाकर दर्शाता था कि हिंदू है। उस पर भरोसा कर मिलने पहुंची तो छिपे कैमरे से आपत्तिजनक वीडियो बनाए, फिर दबाव बनाने लगा कि उसके बताए अनुसार घर छोड़ना पड़ेगा। तीन महीने पहले उसकी असलियत पता चली। 11 जुलाई को उसका मोबाइल फोन हाथ लगने पर घिनौनी करतूत सामने आ गई। उसके फोन में 17 अन्य हिंदू लड़कियों के आपत्तिजनक फोटो थे।
पंजाब में फगवाड़ा के बाद अब अमृतसर में गौ हत्या व गौमास की तस्करी का मामला सामने आया है। देश भर में मुस्लिम समाज का कट्टरपंथी वर्ग हिन्दू भावनाओं से खेलने, हिन्दू लड़कियों का शोषण करने और फिर धर्मांतरण करने के समाचार आये दिन मिलते हैं। हरियाणा के नूह में कांवड़ यात्रा को लेकर तनाव बना हुआ है। भारत में जहां 80 प्रतिशत से अधिक हिन्दू है वहां भी हिन्दुओं के पर्वों और त्योहारों के विरुद्ध फतवे देना, पत्थराव करना कट्टरपंथियों के लिए आम बात बन गई है।
नैतिकता व संविधान की दृष्टि से देखें तो मुस्लिम कट्टरपंथी हिन्दुओं विरुद्ध उपरोक्त जो कुछ कर रहे हैं वह सरासर गलत है, अवैध है और दण्डनीय है। लेकिन समस्या यह है कि मुस्लिम समाज और उसका बुद्धिजीवी वर्ग एक संकेतामक विरोध से आगे नहीं बढ़ता। जब कानून शिकंजा कसता है तो कई धार्मिक व राजनीतिक लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से दोषियों का साथ देते दिखते हैं। यह स्थिति परेशान करने वाली है। एक लोकतांत्रिक देश में समाज की भावनाओं से खिलवाड़ करना समाजों में तनाव को बढ़ाना ही है। कट्टरपंथियों का लक्ष्य यही है, यह स्थिति देशहित में नहीं है। मुस्लिम समाज के राजनेताओं, बुद्धिजीवी वर्ग और धर्मगुरुओं को इस्लाम धर्म के नाम पर अनैतिक कार्य करने वालों विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए। कानून तो तभी कार्य करता है जब कुछ गलत होता है। लेकिन समाज के बुद्धिजीवी और धर्मगुरु तो उस विचार के विरुद्ध आवाज उठा सकते हैं, जो हिन्दू लड़कियों के शोषण और धर्मांतरण को प्रोत्साहित करता है। हिन्दू समाज के बुद्धिजीवी वर्ग और धर्मगुरुओं को उपरोक्त मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए संबंधित प्रदेशों व केंद्र की सरकार सम्मुख इस मुद्दे को एकजुट होकर उठाने की आवश्यकता है। धर्मांतरण हिन्दू समाज के विरुद्ध नहीं देश विरुद्ध भी है।