बलरामपुर जिला बना जल संरक्षण की मिसाल , गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

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-मोर गांव मोर पानी अभियान के तहत 1.65 लाख से अधिक सोख्ता गड्डों का निर्माण
बलरामपुर{ गहरी खोज }: जल संरक्षण के क्षेत्र में बलरामपुर जिले ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। ‘मोर गांव मोर पानी अभियान’ के अंतर्गत जिले में लक्ष्य से अधिक एक लाख 65 हजार 193 सोख्ता गड्ढों का निर्माण कर जल संरक्षण की दिशा में मिसाल कायम की गई है। इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए जिले का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की स्टेट हेड सोनल शर्मा ने बीते शाम कलेक्टर आर कटारा और जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर को प्रमाण पत्र सौंपकर इस उपलब्धि को सम्मानित किया। इस अवसर पर अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
इस अभियान की सफलता के पीछे कलेक्टर कटारा के मार्गदर्शन और जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर के नेतृत्व में जिले की सभी जनपद पंचायतों की सक्रिय भागीदारी रही। ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं, स्व-सहायता समूहों, प्रधानमंत्री आवास हितग्राहियों और नरेगा जॉब कार्ड धारकों ने इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। ग्राम स्तर पर जनसंवाद, दीवार लेखन, पोस्टर और बैनर के माध्यम से जल संरक्षण के महत्त्व को जन-जन तक पहुंचाया गया। ग्रामीणों को सोख्ता गड्ढों के निर्माण की तकनीकी जानकारी, जैसे गड्ढे की लंबाई चौड़ाई, उपयोग होने वाली सामग्री (ईंट, बोल्डर, बालू) आदि के बारे में जागरूक किया गया। महिला स्व-सहायता समूहों ने इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने न केवल अपने घरों में सोख्ता गड्ढों का निर्माण किया, बल्कि अन्य महिलाओं को भी इसके लिए प्रेरित किया। साथ ही, स्वच्छता बनाए रखने की जिम्मेदारी भी ली। इस अभियान ने न केवल जल संरक्षण को बढ़ावा दिया, बल्कि सामुदायिक सहभागिता और जागरूकता के नए आयाम स्थापित किए। प्रशासन की सुनियोजित रणनीति और ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी ने इस अभियान को अभूतपूर्व सफलता दिलाई। सोख्ता गड्ढों के निर्माण से वर्षा जल का संचयन संभव हुआ, जिससे भूजल स्तर में सुधार और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि सामूहिक प्रयास और प्रशासनिक सहयोग से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। बलरामपुर जिले की इस उपलब्धि ने न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह ने कहा कि, यह पूरे जिले का सम्मान है। हमने हमारे कलेक्टर साहब के मार्गदर्शन में जिलेवासियों के और हमारे स्तर कर्मियों के सहयोग से इस लक्ष्य को हासिल किया है। इसमें सभी का योगदान रहा है। विशेषकर स्व सहायता समूह की महिलाएं और प्रधानमंत्री आवास के हितग्राही के सहयोग हमारे लिए उल्लेखनीय रहा है।

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