बीआरओ और जीआरएसई ने लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स तक जाने वाली सड़क पर बनाया महत्वपूर्ण पुल

कोलकाता{ गहरी खोज }: लद्दाख में भारत-चीन सीमा के समीप स्थित गोगरा हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र तक सैनिकों और सैन्य साजो-सामान की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने मिलकर फोबरांग-मार्शमिक-ला हॉट स्प्रिंग रोड पर 280 फीट लंबे दोहरे लेन वाले बहु-खंडीय मॉड्यूलर स्टील पुल का निर्माण किया है। यह पुल 10 जुलाई को किमी 72.625 पर लॉन्च किया गया और बीआरओ की परियोजना हिमांक को सौंप दिया गया।
जीआरएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक बयान में बताया कि यह पहली बार है जब देश में इतने कम समय— सिर्फ 20 दिनों में दो खंडों वाला बहु-खंडीय मॉड्यूलर पुल स्थापित किया गया है। दोनों खंड 140-140 फीट लंबे हैं। यह पुल अत्यंत दुर्गम और ऊंचाई वाले इलाके में निर्मित किया गया, जहां बेहद ठंडे मौसम में काम करना चुनौतीपूर्ण था। इस निर्माण से भारतीय सेना के लिए अग्रिम चौकियों तक सैन्य पहुंच और उपकरण तैनाती में बड़ी सुविधा मिलेगी। यह पुल पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बना है और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। बीआरओ के साथ हुए समझौता ज्ञापन के तहत जीआरएसई अब तक देशभर में 56 ऐसे पुलों की आपूर्ति कर चुका है, जिनमें से कई रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हैं। इन पुलों की चौड़ाई 7.5 मीटर है, जिससे दो तरफा यातायात संभव है। यह पुल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मानकों के अनुरूप हैं। ई-410 ग्रेड के उच्च तन्यता वाले स्टील से बने इन पुलों में ठंडे इलाकों में भी मजबूती और लंबी आयु सुनिश्चित होती है। गैल्वनाइज्ड सतह से इनकी देखरेख सरल होती है और सेवा जीवन लंबा होता है। ‘आईआरसी 70आर’ लोड क्लास के अनुसार इन पर 100/70 मीट्रिक टन तक के पहिएदार और ट्रैक्ड वाहनों का आवागमन संभव है। मॉड्यूलर डिज़ाइन के कारण इनके घटकों को दुर्गम क्षेत्रों तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है और 30 से 45 दिनों में इनका निर्माण पूरा किया जा सकता है।
अगस्त 2022 में जीआरएसई को पोर्टेबल स्टील ब्रिज (बेली टाइप) के लिए भारतीय सेना से ‘ग्रीन चैनल सर्टिफिकेशन’ प्राप्त करने वाला एकमात्र भारतीय संगठन बनने का गौरव मिला था। जीआरएसई की पोर्टेबल स्टील ब्रिज डिवीजन ने नवाचार और अनुसंधान के जरिये पोर्टेबल पुलों के उन्नत संस्करण विकसित किए हैं। अब तक जीआरएसई भारतीय सेना, बीआरओ, एनएचआईडीसीएल, राज्य लोक निर्माण विभागों और अन्य सरकारी एजेंसियों को 5,900 से अधिक पोर्टेबल पुलों की आपूर्ति कर चुका है।आपदा प्रबंधन के लिए विकसित किए गए ये बहुउद्देश्यीय पुल अब बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार और श्रीलंका जैसे पड़ोशी देशों को भी निर्यात किए जा रहे हैं, जिससे भारत की रक्षा निर्माण क्षमता को वैश्विक पहचान मिल रही है।