साफ सफाई हमारी परंपरा का हिस्सा : मुर्मु

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को स्वच्छ भारत मिशन अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि साफ सफाई देश की परंपरा के साथ संस्कार और स्वभाव का हिस्सा रहा है।
श्रीमती मुर्मु ने आज यहां स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में अपने संबोधन में स्वच्छ शहर का खिताब हासिल करने वालों को बधाई देते हुए कहा,“ आपने स्वचछता के इस महायज्ञ में योगदान दिया है जो सराहनीय है। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने वर्ष 2024 में स्वच्छता का सबसे बड़ा सर्वेक्षण किया जिसके लिए उन्हें भी बधाई देती हूं। स्वच्छता पर बल देना प्राचीन काल से ही हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का आधार रहा है। अपने घरों को, उपासना स्थलों को तथा आसपास के परिवेश को स्वच्छता रखने की परंपरा हमारी जीवनशैली का अभिन्न अंग थी। आज भी साफ सफाई करने का मौका मिलता है तो उसका उपयोग करती हूं क्योंकि साफ-सफाई हमारे संस्कार और स्वभाव है, मेरे जैसे करोड़ों देशवासियों के संस्कार और स्वभाव का हिस्सा रहा है।”
राष्ट्रपति ने कहा कि प्राचीन साहित्यों तथा ऐतिहासिक ग्रंथों में अयोध्या, उज्जैन, पाटलीपुत्र और हम्पी जैसे नगरों के भव्यता और साफ सफाई के विवरण प्राप्त होते हैं।
केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा,“ आज स्वच्छता के प्रति एक अलख जगी है जिसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। आजादी के बाद पहला अवसर था जब किसी प्रधानमंत्री ने लाल क़िले से स्वच्छता का आह्वान किया था। आजादी के सत्तर साल में स्वच्छता को लेकर जो नहीं हुआ था वह करके दिखाया। देश को खुले में शौैच से मुक्त किया गया जो बड़ी उपलब्धि है और महिलाओं के सम्मान से जुड़ी है।”
उन्होंने कहा कि आज देश भर में 80 प्रतिशत ठोस कचरे का प्रसंस्करण हो रहा है। कचरे का उपयोग बायो कंपोस्ट में किया जा रहा है। वेस्ट को भी बेस्ट बनाया जा रहा है। स्वच्छता आज हर एक भारतवासी का संकल्प बन चुका है।