श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल ने की विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: श्रीलंका के 14 राजनीतिक दलों के 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात की।
यह प्रतिनिधिमंडल दो सप्ताह के लिए भारत में रहेगा और इसका उद्देश्य ‘पड़ोसी पहले’ की नीति को ध्यान में रखते हुए भारत-श्रीलंका साझेदारी को और मज़बूत करना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया‘एक्स’ पर पोस्ट किया,“श्रीलंका के 14 राजनीतिक दलों के युवा नेताओं के 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत में अपने दो सप्ताह के कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात की। विदेश सचिव ने भविष्य के रोडमैप में हितधारकों के रूप में भारत-श्रीलंका साझेदारी को मज़बूत करने में ‘पड़ोसी पहले’ की नीति पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया। श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा अप्रैल 2025 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की श्रीलंका की ‘बेहद उपयोगी’ यात्रा के बाद हो रही है।” उन्होंने कहा कि श्री मोदी की इस यात्रा ने भारत की ‘पड़ोसी पहले नीति’ और ‘महासागर’ दृष्टिकोण के अंतर्गत द्वीपीय राष्ट्र की महत्वपूर्ण स्थिति को और मज़बूत किया।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति दिसानायके के निमंत्रण पर वर्ष 2015 के बाद से श्रीलंका की अपनी चौथी यात्रा के दौरान श्री मोदी ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति के साथ व्यापक वार्ता की थी। दोनों नेताओं के बीच चर्चा साझा इतिहास पर आधारित और मज़बूत जन-जन संपर्कों द्वारा संचालित विशेष और घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने पर केंद्रित रहीं। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने संपर्क, विकास सहयोग, आर्थिक संबंधों, रक्षा संबंधों, सुलह प्रयासों और मछुआरों के स्थायी मुद्दे सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की व्यापक समीक्षा की।
श्री मोदी ने भारत की ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ और ‘महासागर विजन’ में श्रीलंका के सर्वोच्च महत्व को दोहराते हुए श्रीलंका के आर्थिक सुधार और स्थिरीकरण में सहायता के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की थी।

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