बिम्सटेक पोर्ट सम्मेलन में भारत अब वैश्विक सीफेयरिंग ताकत :सर्बानंद सोनोवाल

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ओडिशा के विशाखापत्तनम में आयोजित बिम्सटेक बंदरगाह सम्मेलन 2025 में भारत की समुद्री प्रगति और क्षेत्रीय सहयोग को नई उंचाई पर पहुंचाने की बात कही।
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल की खाड़ी में साझा समुद्री नियति की दिशा में यह सम्मेलन एक निर्णायक कदम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘पड़ोसी पहले’ नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अपने बिम्सटेक साझेदारों के साथ मिलकर निर्बाध संपर्क, क्षमता निर्माण और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि हाल ही में समुद्री परिवहन सहयोग पर हुआ बिम्सटेक समझौता एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो व्यापार में सुगमता, बंदरगाह एकीकरण, जहाजों, चालक दल और माल की पारस्परिक मान्यता के लिए रास्ता खोलता है। उन्होंने कहा कि भारत के बंदरगाह अब केवल व्यापार के प्रवेश द्वार नहीं, बल्कि क्षेत्रीय समृद्धि के इंजन बन चुके हैं। सागरमाला, हरित सागर और ‘समुद्री अमृत काल: विजन 2047’ जैसी योजनाएं इस दिशा में भारत की दीर्घकालिक सोच को दर्शाती हैं।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने कहा कि भारत ने “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” की त्रिस्तरीय रणनीति के माध्यम से बंदरगाह क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार किए हैं। उन्होंने आंकड़ों के साथ बताया कि भारत का बासेल टर्नअराउंड टाइम घटकर चार दिन से कम होकर अब एक दिन से भी नीचे आ गया है, जो कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जर्मनी जैसे विकसित देशों से बेहतर है। कंटेनराइज्ड कार्गो हैंडलिंग में 70 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 2024 में 79 लाख 20 फीट लंबे कंटेनर (टीईयूएस) से बढ़कर 2025 में 1.35 करोड़ टीईयूएस हो गया है।
उन्होंने बताया कि भारत आज दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा सीफेयरिंग राष्ट्र है, जो वैश्विक स्तर पर 15 फीसदी योगदान देता है। 2014 में 1.08 लाख सीफेयरर्स की संख्या बढ़कर अब 3.20 लाख हो गई है, जो 200 फीसदी की वृद्धि है। माल ढुलाई क्षमता भी पिछले दशक में दोगुनी होकर 140 करोड़ मीट्रिक टन प्रति वर्ष से बढ़कर 276.2 करोड़ मीट्रिक टन हो गई है। समुद्री पर्यटन में भी भारत ने 500 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है, जहां क्रूज़ टूरिज्म 84,000 से बढ़कर 5 लाख तक पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि तटीय शिपिंग 87 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़कर 165 मिलियन मीट्रिक टन हो गई है, जबकि अंतर्देशीय जल परिवहन में माल ढुलाई 2014 में 18 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़कर 140 मिलियन मीट्रिक टन हो गई है, जो 700 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहन देकर निवेश में 3.5 गुना बढ़ोतरी हुई है और प्रमुख बंदरगाहों पर कार्गो हैंडलिंग में 60 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
सोनोवाल ने कहा कि ‘सागरमाला’ कार्यक्रम ने बंदरगाह आधारित विकास को बढ़ावा दिया है, जबकि ‘ग्रीन पोर्ट’ दिशा-निर्देशों ने भारत की सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है। निवेश को और अधिक आकर्षित करने के लिए समुद्री विकास कोष की शुरुआत की गई है और “वन नेशन, वन पोर्ट प्रोसेस” पहल के ज़रिए सभी प्रमुख बंदरगाहों में संचालन प्रक्रियाओं को एकरूप किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का अब तक का समुद्री विकास शानदार रहा है और अब हमारा लक्ष्य और भी अधिक ऊंचाइयों को छूना है।