निमिषा प्रिया फांसी मामले में विजयन ने मोदी से हस्तक्षेप की माँग की

तिरुवनंतपुरम{ गहरी खोज }: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने यमन में काम करने वाली केरल निवासी नर्स निमिषा प्रिया टॉमी थॉमस की जिंदगी बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप करने की माँग की है।
निमिषा को यमन में मौत की सजा सुनाई गयी है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में निमिषा मामले में भारतीय दूतावास को हर संभव तरीके से हस्तक्षेप करने का निर्देश देने का आग्रह किया। निमिषा को 16 जुलाई को फाँसी दी जानी है।
श्री विजयन ने कहा कि निमिषा प्रिया की वृद्ध माँ अपनी बेटी की जान बचाने के लिए लगातार अपील कर रही हैं। श्री विजयन ने केन्द्र सरकार को छह फरवरी को लिखे अपने पहले पत्र में उसकी जान बचाने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था।
गौरतलब है कि केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली 38 वर्षीय निमिषा प्रिया, 2008 से यमन में नर्स के तौर पर काम कर रही थी। वहां निमिषा ने एक क्लिनिक खोला था, लेकिन यमन के कानून के तहत, किसी भी बाहरी व्यक्ति को यमन में कोई कारोबार करने के लिए वहां के किसी नागरिक को स्थानीय साझेदार रखना अनिवार्य है। निमिषा ने इस कारोबार में एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहदी को अपना साझेदार बनाया था।
हालांकि उसने 2011 में शादी कर ली थी और वह अपने पति टॉमी थॉमस को अपने साथ् यमन ले गयी थी, मगर 2014 में वहां छिड़े गृहयुद्ध के कारण उसके पति अपनी बेटी के साथ केरल लौट आए, जबकि निमिषा यमन में ही रही।
आरोपों के मुताबिक मेहदी ने उसके साथ धोखाधड़ी कर उसकी धनराशि हड़प ली और उसके साथ शादी का झूठा दावा भी किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार इससे तंग आकर निमिषा ने जुलाई 2017 में कथित तौर पर अपने कारोबारी साझेदार मेहदी को खाने में नशीला पदार्थ देकर उसकी हत्या कर दी । इसके बाद उसने एक अन्य नर्स की मदद से उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए।
निमिषा को 2017 में मेहदी की हत्या का दोषी ठहराया और 2020 में फांसी की सुनाई गई । निमिषा की ओर से 2023 में की गयी अंतिम अपील खारिज कर दी गई। राष्ट्रपति ने भी उनकी अपील को खारिज कर दिया है।