गांधीनगर में 38 करोड़ की लागत से ‘व्हाइट टॉपिंग रोड’ का काम हुआ पूरा

0
c41c1d6ff379058921e60df63558ed06

गांधीनगर{ गहरी खोज }: मानसून के सीजन में राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण अनेक सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में इन सड़कों और पुलों की तत्काल मरम्मत करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके अंतर्गत वर्तमान में पूरे राज्य में युद्धस्तर पर काम चल रहा है।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुजरात में व्हाइट टॉपिंग रोड बनाने के संबंध में सुझाव दिया था। इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर में कुल 38 करोड़ रुपए के ‘व्हाइट टॉपिंग’ सड़क निर्माण को स्वीकृति दी थी। इन कार्यों में गांधीनगर में 6.20 किलोमीटर लंबाई की कोबा-अडालज लिंक रोड और 2.80 किलोमीटर लंबाई की सरगासण-रक्षा शक्ति सर्कल रोड शामिल हैं। इन दोनों सड़कों को व्हाइट टॉपिंग तकनीक से बनाने का काम पूरा कर लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि व्हाइट टॉपिंग तकनीक से बनी सड़क की अवधि 20 साल की होती है। व्हाइट टॉपिंग तकनीक में मौजूदा डामर रोड की ऊपरी सतह हटाकर कंक्रीट की मोटी परत बिछाई जाती है। यह तकनीक आर्थिक दृष्टि से आरसीसी सड़क की तुलना में अधिक सरल और टिकाऊ होती है। माना जाता है कि यह पद्धति डामर से अधिक लाभदायक होती है। सड़क में डामर की सतह के ऊपर 20 सेमी कंक्रीट की परत बिछाई जाती है, जो डामर और आरसीसी की प्रक्रिया से अलग पद्धति है।
मानसून की सीजन में पानी के तेज बहाव के कारण गुणवत्तायुक्त और गहन निगरानी के साथ बनी डामर रोड में भी पैच पड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में व्हाइट टॉपिंग तकनीक को फायदेमंद माना जाता है। सड़क एवं भवन विभाग की विज्ञप्ति में बताया गया है कि व्हाइट टॉपिंग तकनीक से बनी सड़कों को अब आवाजाही के लिए खोल दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *