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संपादकीय { गहरी खोज }: आईआईटी मद्रास के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रीय सुरक्षा अध्यक्ष अजित डोभाल ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत ने पाकिस्तान में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमला किया और इनमें से एक भी निशाना नहीं चूका। उन्होंने कहा कि सटीकता इस स्तर की थी कि भारत को पता था कि कौन कहां है, जबकि हमारे यहां एक शीशा भी नहीं टूटा। उन्होंने कहा कि पूरा ‘ऑपरेशन’ सात मई को रात एक बजे के बाद शुरू हुआ और मुश्किल से 23 मिनट तक जारी रहा। डोभाल ने कहा कि इसके बाद पाकिस्तान ने ऐसा किया, वगैरह वगैरह। क्या आप मुझे एक भी ऐसी तस्वीर दिखा सकते हैं, जिसमें दिखता हो कि भारत को इस दौरान कोई नुकसान हुआ है, यहां तक कि एक शीशा भी नहीं टूटा। गौरतलब है कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा कि प्रौद्योगिकी और युद्ध के बीच अहम संबंध है और देश को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित करनी चाहिए। इस मौके पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि मुझे इस पर (ऑपरेशन सिंदूर पर) गर्व है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर गर्व है कि हमारी कुछ बेहतरीन प्रणालियों ने काम किया, चाहे वह ब्रह्मोस (मिसाइल) हो, एकीकृत हवाई नियंत्रण और कमान प्रणाली हो या युद्धक्षेत्र निगरानी हो। हमने नौ आतंकवादी ठिकानों पर निशाना साधा, सीमावर्ती क्षेत्रों में नहीं, बल्कि पाकिस्तान के आर-पार और हम एक भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि किसी भी ऐसे स्थान पर हमला नहीं हुआ, जिसका चुनाव नहीं किया गया था और हमले में सटीकता इस स्तर की थी कि भारत को पता था कि कौन कहां है और पूरा आपरेशन 23 मिनट तक जारी रहा। आपरेशन की प्रभावशीलता पर सवाल उठाने वाले अंतरराष्ट्रीय ‘मीडिया कवरेज’ पर एक प्रकार से निशाना साधते हुए डोभाल ने कहा कि उन्होंने वही लिखा, जो वे चाहते थे। लेकिन उपग्रह चित्र असली कहानी बताते हैं कि 10 मई से पहले और बाद में 13 पाकिस्तानी सैन्य हवाईअड्डों में क्या हुआ। इस कार्यक्रम में डोभाल ने कहा कि देश प्रौद्योगिकी की लड़ाई में हारकर दूसरों से पीछे रहने या दशकों पीछे रह जाने का जोखिम नहीं उठा सकता। उन्होंने ढाई साल में 5जी विकसित करने में आइआइटी मद्रास और निजी क्षेत्र की भूमिका को स्वीकार किया, जबकि चीन को 5जी प्रौद्योगिकी विकसित करने में 12 साल से अधिक का समय लगा और उसने 300 अरब डालर खर्च किए। डोभाल ने कहा कि यहां तक कि डेटा या सुरक्षा से संबंधित एक कील भी विश्वसनीय स्रोत से ही आनी चाहिए। यह या तो भारत में बनी हो या कहीं ऐसी जगह बनी हो, जो भारत के बहुत करीब हो।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की बात में बहुत दम है कि अगर कोई तस्वीर आपके पास है जिससे यह साबित होता है कि ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के दौरान भारत को नुकसान हुआ है तो वह दिखाओ। ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की सफलता पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाले चाहे वह स्वदेशी हो या विदेशी उनको चुनौती देते हुए सुरक्षा सलाहकार डोभाल ने जो कहा है वह ही हकीकत है। भारत की सफलता का ही परिणाम है कि पाकिस्तान अब चीन को छोड़ अमेरिका से सैन्य सामान खरीदने के प्रयास में है। पाकिस्तान और अमेरिका की नजदीकियों का एक बड़ा कारण ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की सफलता ही है।

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