केरल में सौर पैनल योजना में भ्रष्टाचार से कामकाज रुका : कांग्रेस

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तिरुवनंतपुरम{ गहरी खोज }: केरल विधानसभा में विपक्षी नेता वीडी सतीशन ने रविवार को आरोप लगाया कि राज्‍य में घरों की छतों पर सौर पैनल लगाने का काम कथित भ्रष्टाचार के चलते ठप पड़ गया है।
उन्होंने विद्युत नियामक आयोग, केरल राज्य विद्युत बोर्ड (केएसईबी) और राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए ज़िम्मेदार इन संस्थाओं ने निजी कंपनियों को लाभ पहुँचाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है।कांग्रेस नेता ने सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए बने नवीकरणीय ऊर्जा नियमों में संशोधनों को तत्काल वापस लेने की मांग भी की।
प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, तीन किलोवाट वाले सौर पैनल को लगाने के लिए तीन फेज वाला पावर कनेक्शन होना चाहिए और पाँच किलोवाट सौर ऊर्जा बनाने वालों को इसका 30 फीसदी बैटरी में जमा करना होगा। इसमें आगे कहा गया है क‍ि जो बिजली बनेगी उस पर प्रति यूनिट एक रुपये का शुल्क बिजली बोर्ड केएसईबी को देना होगा और तीन किलोवाट से अधिक बिजली बनाने पर नेट मीटरिंग अनिवार्य है।
श्री सतीशन ने कहा, “इनमें से कोई भी शर्त स्वीकार्य नहीं है।” उन्होंने चेतावनी दी कि संशोधनों के लागू होने से राज्य के सौर ऊर्जा संयंत्रों का कामकाज बंद हो जाएँगे।
उन्होंने मसौदे में दो खास कंपनियों की बैटरियों के उपयोग की सिफारिश पर भी चिंता व्यक्त की और दावा किया कि वे बाजार में उपलब्ध भी नहीं हैं। यह संभावित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। सरकार और नियामक प्राधिकरण, दोनों को इस जनविरोधी प्रस्ताव को तुरंत वापस लेना चाहिए।

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