महिलाओं और बच्चों के संपूर्ण सशक्तिकरण के लिए मप्र सरकार निरंतर प्रयासरत : निर्मला भूरिया

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  • मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने दिए नीति-सुधारों पर दिए महत्वपूर्ण सुझाव
  • केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने गुजरात में आयोजित किया पश्चिमी क्षेत्रीय राज्याें का जोनल सम्मेलन
    भोपाल{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश अपनी जनजातीय बहुलता और भौगोलिक विविधता के बावजूद, महिलाओं और बच्चों के संपूर्ण सशक्तिकरण के लिये निरंतर प्रयासरत है। गुजरात के केवड़िया में शनिवार को केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित पश्चिमी क्षेत्रीय राज्यों के जोनल सम्मेलन में मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने राज्य में चल रहे योजनाओं, नवाचारों और जमीनी पहल का प्रभावशाली विवरण प्रस्तुत किया। बैठक केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
    मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की ऑनलाइन नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे लगभग 19,500 पदों की पारदर्शी तरीके से पूर्ति हो रही है। यह प्रक्रिया हर छह माह में रिक्तियों के अनुसार नियमित रूप से संचालित की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एम्स भोपाल के सहयोग से पोषण ट्रैकर डेटा की गुणवत्ता में सुधार किया गया है। कार्यकर्ताओं के लिए नेत्र परीक्षण अभियान भी चलाया जा रहा है, जिससे स्मार्टफोन आधारित ऐप संचालन में उन्हें सुविधा मिले। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि झाबुआ जिले में “मोटी आई कार्यक्रम” और डिण्डौरी जिले में “रेवा प्रोजेक्ट” जैसे नवाचारों के माध्यम से कुपोषण उन्मूलन में अद्भुत परिणाम मिल रहे हैं।
    उन्होंने बताया कि सशक्त वाहिनी कार्यक्रम के तहत अब तक 11,000 से अधिक बालिकाओं को निःशुल्क शारीरिक और शैक्षणिक प्रशिक्षण दिया गया है। कई बालिकाएं आज पुलिस, चिकित्सा एवं अन्य सेवाओं में चयनित होकर सेवा दे रही हैं। हेल्पलाइन 181 और 1098 का ईआरएसएस (ERSS)-112 से तकनीकी एकीकरण जुलाई 2024 में सफलतापूर्वक किया गया। विगत छह महीनों में 86,000 से अधिक मामलों में 91% से अधिक का समाधान हुआ है। शक्ति निवास” के माध्यम से कार्यरत महिलाओं को सुरक्षित आवास की सुविधा दी जा रही है। इंदौर में 100-बेड का नया शक्ति निवास तैयार है, प्रदेश के चार और शहरों में निर्माण जारी है।
    उन्होंने बताया कि “मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना” के अंतर्गत हर माह 1.27 करोड़ महिलाओं को 1250 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। अब तक 38,000 करोड़ से अधिक राशि वितरित की जा चुकी है। अटल पेंशन योजना से जोड़ने के लिए राज्य स्तर पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। “मिशन वात्सल्य” के अंतर्गत चार बड़े जिलों में कंपोजिट शेल्टर होम का निर्माण कार्य प्रगति पर है। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना” के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को 4000 रुपये प्रति माह की सहायता और आफ्टर केयर बच्चों को 5000 रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जा रही है।
    मंत्री निर्मला भूरिया ने केन्द्र सरकार के समक्ष योजनाओं को और प्रभावशाली बनाने के लिये सुझाव भी रखे। उन्होंने कहा कि दरों को सीपीआई के अनुसार संशोधित करने, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि, 2019-20 से लंबित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की बहाली, प्री-स्कूल शिक्षा सामग्री में वृद्धि और ‘जादुई पिटारा’ जैसी पहल, पीएमएमवीवाय योजना में द्वितीय गर्भावस्था पर भी मातृत्व सहायता, शक्ति सदन एवं सखी केंद्रों के कर्मचारियों के वेतन में संशोधन, स्पॉन्सरशिप योजना में बजट वृद्धि, आफ्टर केयर लाभार्थियों की सहायता राशि में बढ़ोतरी आदि प्रमुख मुद्दे शामिल थे।

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