जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा

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संपादकीय { गहरी खोज }: हिन्दू लड़कियों का धर्मातरण कराने के आरोप में गिरफ्तार जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा देश में चर्चा में है। उत्तर प्रदेश की पुलिस द्वारा की जा रही जांच में सामने आया है कि उसने अब तक 1500 से अधिक लड़कियों समेत हजारों हिंदुओं को इस्लाम में धर्मांतरित कराया है। जांच एजेंसियों को इस रैकेट के मुंबई से लेकर दुबई तक फैले नैटवर्क के पुख्ता सुराग मिले हैं। बाबा पहले मुंबई में अंगूठियां बेचता था, लेकिन वहां से उसने दरगाहों के जरिए संपर्क बनाकर विदेशी संगठनों से फंडिंग लेना शुरू किया। बाद में वह बलरामपुर आया और यहां दरगाह व उर्स आयोजनों की आड़ में धर्मांतरण की गतविधियां शुरू कर दीं। सूत्रों के मुताबिक, वह खाड़ी देशों की कट्टरपंथी संस्थाओं से जुड़ा था और एन.आर.ई., एन.आर.ओ. खातों के माध्यम से फंड प्राप्त करता था। बाबा और उसकी सहयोगी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन को अदालत ने 7 दिन के ए.टी.एस. रिमांड पर भेजा है। जांच में यह भी सामने आया है कि बाबा ने दुबई में एक नाबालिग लड़की का धर्मांतरण भी करवाया बावजूद इसके उसका पासपोर्ट, आधार और बैंक खाते हिंदू नाम पर ही बने हुए हैं। छांगुर बाबा का करीबी सहयोगी नवीन रोहरा दुबई से लौटने के बाद बलरामपुर में भारी मात्रा में जमीन खरीद रहा था और उसके खातों में विदेश से करोड़ों रुपए आए। अधिकारियों को शक है कि उसका खाता स्विस बैंक में भी है। इस बीच, बलरामपुर में छांगुर बाबा की एक एकड़ में फैली आलीशान कोठी और अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला। प्रशासन ने पहले नोटिस देकर समय दिया था, पर जवाब न मिलने पर कार्रवाई शुरू की गई। अब तक इस प्रकरण में 10 लोगों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज किया गया है, जिनमें से 4 को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाबा पर 50,000 रुपए का ईनाम भी घोषित है। छांगुर बाबा बलरामपुर जिले के उतरौला तहसील के अंतर्गत रेहरा माफी गांव का रहने वाला है। उनका जन्म इसी गांव में हुआ था। छांगुर बाबा के तीन और भाई हैं, जिनमें से तीन अभी भी गांव में रहते हैं।

भाइयों में सबसे बड़े छांगुर बाबा का बचपन गरीबी में बीता। उसने कई साल तक भीख मांगकर जीवन यापन किया। गांव के वर्तमान प्रधान मंशाराम यादव के मुताबिक उसका एक भाई अभी भी भिक्षा मांगने का काम करता है। गांव के लोग बताते हैं कि छांगुर बाबा साइकिल से नग और अंगूठी बेचने का काम करता था। कई सालों तक ये काम करने के बाद वे मुंबई चला गया और बाद में अपने आप को पीर घोषित कर दिया। छांगुर बाबा दो बार 2005-2010 और 2015-2020 तक अपने गांव रेहरा माफी के प्रधान भी रहा। कस्बे के चांद औलिया दरगाह के पास उसने अपनी एक बैठक भी बना ली थी। वहीं पर मुरीदों का आना जाना था। प्रधान मंशाराम यादव का कहना है कि साल 2020 के बाद बाबा ने गाड़ी वगैरह खरीदी। जिस घर को गिराया गया है, उसके निर्माण को लेकर वसीउद्दीन उर्फ बब्बू से छांगुर बाबा का विवाद शुरू हुआ था। पैसे के लेन-देन से विवाद बढ़ा और दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। स्थानीय लोगों के मुताबिक निर्माण में तय रकम को लेकर विवाद बढ़ा था। स्थानीय निवासी एमन रिजवी के अनुसार छांगुर बाबा के सहयोगी बब्बू चौधरी ने लगभग एक साल पहले उनके खिलाफ अवैध धर्मांतरण की शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद कई संगठनों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की थी।

जहां तक आरोपों का सवाल है, अभी इस पर जांच चल रही है। उत्तर प्रदेश एटीएस ने पिछले सप्ताह छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया था। एटीएस ने छांगुर बाबा पर धर्मांतरण रैकेट चलाने का आरोप लगाया है और कहा है कि इसकी जाँच की जा रही है।जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हमारी सरकार बहन-बेटियों की गरिमा और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अभियुक्त की गतिविधियां समाज विरोधी ही नहीं बल्कि राष्ट्रविरोधी भी हैं। अब प्रश्न यह है कि कुछ वर्ष पहले जो व्यक्ति नग और अंगूठियां बेचता था वह कैसे करोड़ों-अरबों रुपए का मालिक बन गया और एक एकड़ में उसका बंगला बन गया और पुलिस व प्रशासन सब देखता रह गया। यह अपने आप में अजीब बात है, एक साधारण व्यक्ति एक कमरे का मकान बना ले या स्कूटर मोटरसाइकिल खरीद ले तो सरकार कई तरह के प्रश्न पूछती है फिर जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से पहले पूछताछ क्यों नहीं हुई?
जमालुद्दीन जैसे बने कई बाबाओं को विदेशों से धर्मांतरण कराने के लिए धन आता है। हिन्दू व सिख लड़कियों के धर्मांतरण कराने पर 10 से 15 लाख रुपए दिया जाता है। यह तथ्य दर्शाते हैं कि विदेशों में बैठे कट्टरपंथी और उनको समर्थन व संरक्षण देने वाले कई इस्लामिक देश एक योजनाबद्ध तरीके से हिन्दुओं और सिखों की लड़‌कियां का धर्मांतरण करा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार से प्रेरणा लेकर ऐसे समाज व देश विरोधी लोगों विरुद्ध सतर्क होकर सख्त कार्रवाई अन्य सरकारें भी करें। पंजाब में इसाई संस्थाएं व संगठन हिन्दुओं और सिखों का धर्मांतरण करा मसीह बना रहे हैं। समाज व सरकार दोनों को मिलकर धर्मांतरण विरुद्ध लड़ाई लड़नी होगी, तभी भारत भारत रह सकेगा।

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