किडनी खराब होने पर पैरों में दिखने लगती है ये गंभीर परेशानी, भूलकर भी न करें नज़रअंदाज़

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: रात में सोते समय कई बार कुछ लोगों को पैरों में अजीब सी बेचैनी महसूस होती है? जिसे आमतौर पर ज़्यादातर लोग सामान्य समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन यह एक आम समस्या है जिसे रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (RLS) कहते हैं। इसमें रात में सोते समय अपने पैरों को लगातार हिलाने की इतनी तेज़ इच्छा होती है कि आप खुद को रोक नहीं पाते। यह एक न्यूरोलॉजिकल (दिमागी) समस्या है, बहुत से लोग यह नहीं जानते लेकिन रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम की यह परेशानी अक्सर तब बढ़ जाती है जब किडनी ठीक से काम नहीं कर रही होतीं।
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (RLS) क्या है?
AINU विशाखापट्टनम के किडनी स्पेशलिस्ट डॉ. उदय दीपकराव गजारे बताते हैं कि रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम तब होता है जब आप आराम कर रहे होते हैं, जैसे बिस्तर पर लेटे हुए। अचानक आपको पैरों को हिलाने की इतनी ज़बरदस्त इच्छा होती है कि आप इसे रोक नहीं पाते। लोग इस एहसास को अलग-अलग तरह से बताते हैं – जैसे पैरों में कुछ रेंग रहा हो, झुनझुनी हो रही हो, या पैरों के अंदर गहरा खिंचाव महसूस हो रहा हो। पैरों को हिलाने से थोड़ी देर के लिए आराम मिलता है, पर जैसे ही आप रुकते हैं, यह एहसास फिर लौट आता है। इसी वजह से कई लोगों के लिए ठीक से सो पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
RLS किसी को भी हो सकता है, लेकिन यह किडनी की दिक्कत वाले लोगों में, खासकर जो डायलिसिस पर हैं, उनमें बहुत ज़्यादा देखा जाता है। रिसर्च बताती है कि 20 से 30% डायलिसिस के मरीज़ों को RLS की परेशानी होती है, कई बार तो बहुत गंभीर रूप से।
किडनी के मरीज़ों को रेस्टलेस लेग्स क्यों होता है?
यूरिक एसिड जमा होना: जब किडनी ठीक से खून को साफ नहीं कर पातीं, तो शरीर में यूरिक एसिड जमा हो जाते हैं। ये ज़हरीले पदार्थ आपकी नसों को परेशान कर सकते हैं, जिससे पैरों में बेचैनी महसूस होती है।
खनिजों का असंतुलन: किडनी के ठीक से काम न करने पर शरीर में कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम जैसे ज़रूरी खनिजों का संतुलन बिगड़ जाता है, जो RLS का कारण बन सकता है।
एनीमिया (खून की कमी): कई किडनी के मरीज़ों में खून में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होती है, जिसे एनीमिया कहते हैं। एनीमिया भी RLS को बढ़ा सकता है।
डायलिसिस का प्रभाव: अगर आप डायलिसिस करवा रहे हैं, तो अक्सर ये सभी कारण एक साथ होते हैं, जिससे RLS होने का खतरा और भी बढ़ जाता है।
बचाव के उपाय क्या हैं?
आयरन की कमी पूरी करें: किडनी की समस्याओं में शरीर में आयरन की कमी आम बात है। अगर आपका आयरन कम है, तो डॉक्टर आपको आयरन की दवाएं या नसों के ज़रिए आयरन दे सकते हैं। सही मात्रा में आयरन मिलने से बहुत फ़र्क पड़ सकता है।
डायलिसिस में बदलाव: कई बार, डायलिसिस के तरीके में कुछ बदलाव करके या उसकी क्वालिटी सुधारकर भी RLS में काफ़ी आराम मिल सकता है।
अपनी आदतों में बदलाव:अच्छी डाइट लें। पानी ज़्यादा पिएं। एक्टिव रहें और नियमित व्यायाम करें। सोने का एक तय समय बनाएं और उसका पालन करें। सोने से पहले कुछ हल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें।