व्यापारियों को इस वर्ष राखी पर 17 हजार करोड़ के व्यापार के उम्मीद: कैट

-इस वर्ष 9 अगस्त को राखी और ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की तिथि का संगम
नई दिल्ली{ गहरी खोज }: इस वर्ष 9 अगस्त को भारत की अनुपम संस्कृति एवं सभ्यता का प्रतीक भाई-बहन का पवित्र पर्व ‘रक्षाबंधन’ देशभर में मनाया जाएगा। इस बार राखी का त्यौहार विशेष है, क्योंकि इसी दिन ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की वर्षगांठ भी है। कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देशभर के व्यापारियों से आग्रह किया है कि वो इस बार राखी त्यौहार को ‘राष्ट्रभक्ति राखी उत्सव’ के तौर पर मनाएं। कैट की ओर से जारी एक अनुमान के अनुसार इस वर्ष राखी पर देशभर में करीब 17 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावना है।
चांदनी चौक से सांसद तथा कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने शु्क्रवार को जारी बयान में कहा कि एक ओर जहां यह दिन भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक होगा, वहीं दूसरी ओर देशभक्ति की भावना को भी जीवंत करेगा। इस अनूठे संयोग को देखते हुए देशभर के व्यापारी वर्ग ने बड़े पैमाने पर राखी के त्यौहार पर राखी की बिक्री के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने कहा कि भारत की तीनों सेनाओं के शौर्य और वीरता को सम्मान देने के लिए कैट की पहल पर देशभर से महिला उद्यमी तीनों सेनाओं के सैनिकों को राखियां भेजकर इस बात का एहसास कराएंगी कि सारा देश उनके साथ है। कैट इस संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर सैनिकों के लिए उनको राखियों की एक खेप भी सौंपेगा।
खंडेलवाल ने कहा कि कैट को इस वर्ष राखी त्यौहार के मौके पर लगभग 17,000 करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार होने की उम्मीद है। वहीं, मिठाइयां एवं ड्राई फ्रूट्, गिफ्ट पैक, हैम्पर्स, सजावट सामग्री, परिधान, सौंदर्य प्रसाधन, पूजा सामग्री और पैकेजिंग आदि का भी करीब 4 हजार करोड़ रुपये का व्यापार का अनुमान है। कैट ने देशभर के व्यापार मंडल, स्थानीय बाजार संघ और ट्रेड एसोसिएशन को इस बार राखी को ‘राष्ट्रभक्ति राखी महोत्सव’ के रूप में भी मनाने का आवाहन किया है।
कैट की वेद एवं धार्मिक कमेटी के चेयरमैन तथा प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य श्री दुर्गेश तारे ने बताया कि रक्षा बंधन का पर्व भद्रा रहित व अपराह्न काल में मनाने का शास्त्रीय विधान है। इस वर्ष श्रावण पूर्णिमा 9 अगस्त को रक्षा बंधन का पर्व प्रातःकाल से दोपहर 1.38 मिनट तक ही मनाना उत्तम रहेगा क्योंकि यह समय भद्रा से मुक्त एवं श्रवण नक्षत्र से युक्त है।