42 करोड़ से बना ब्रिज पांच साल में जर्जर, अब गिराने पर खर्च होंगे 3.9 करोड़

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अहमदाबाद{ गहरी खोज }: अहमदाबाद में साल 2017 में 42 करोड़ रुपये की लागत से बना हाटकेश्वर ब्रिज को तोड़ने के लिए 3.9 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ये पुल महज पांच साल में जर्जर हो गया। पिछले तीन साल से ये ब्रिज वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह बंद है और स्थानीय लोगों व दुकानदारों के लिए सिरदर्द बना हुआ है।अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) की स्टैंडिंग कमेटी ने इस जर्जर ब्रिज को ध्वस्त करने के लिए एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को टेंडर आवंटित करने की मंजूरी दे दी है। इससे पहले कई बार जर्जर ब्रिज को तोड़ने के लिए नगर निगम ने कई बार टेंडर जारी किए, लेकिन कोई भी कंपनी इस काम के लिए आगे नहीं आई। इस देरी के कारण ब्रिज के आसपास रहने वाले लोग और दुकानदार पिछले तीन साल से लगातार विरोध प्रदर्शन करते रहते हैं।
अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन देवांग दानी ने बताया कि जर्जर हाटकेश्वर ब्रिज को ध्वस्त करने के लिए गणेश कंस्ट्रक्शन कंपनी को 3।9 करोड़ रुपये का टेंडर आवंटित करने की मंजूरी दे दी है।
बताया जा रहा है कि बारिश के सीजन के बाद ब्रिज को तोड़ने का काम शुरू किया जाएगा। ब्रिज तोड़ते वक्त आसपास में ट्रैफिक की समस्या न हो इसका खास ख्याल रखा जाएगा। 6 महीने में ब्रिज को तोड़ने का काम पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि, इस ब्रिज को तोड़ने के बाद नए ब्रिज को लेकर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है।
हाटकेश्वर ब्रिज का निर्माण 2015 में अजय इन्फ्रा कंपनी ने शुरू किया था और 30 नवंबर 2017 को इसका उद्घाटन हुआ था, लेकिन निर्माण के महज चार साल बाद मार्च-अप्रैल 2021 में ब्रिज पर गड्ढे पड़ने की वजह से इसे कुछ वक्त के लिए बंद करना पड़ा था। इसके बाद 2022 तक दो से तीन बार इस ब्रिज की मरम्मत की जरूरत पड़ी।
इसके बाद अगस्त 2022 में स्टेबिलिटी टेस्ट के बाद ब्रिज को जर्जर घोषित कर दिया गया और वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई। टेस्ट रिपोर्ट में कहा गया कि ब्रिज के बीच के छह स्पैन को तोड़ना जरूरी है। तब से ये ब्रिज बिना उपयोग के खड़ा है।

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