18 गोल्ड मेडल जीत चुकी टेनिस प्लेयर राधिका यादव को पिता ने मारी गोली

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: गुरुग्राम के सेक्टर-57 इलाके से गुरुवार को एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया, जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। स्टेट लेवल टेनिस खिलाड़ी राधिका की उसके ही पिता दीपक यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी। वारदात सुबह 10:30 बजे के करीब उस वक्त हुई जब राधिका अपने घर की पहली मंज़िल पर स्थित किचन में काम कर रही थी। इस जघन्य अपराध के पीछे की वजह जो सामने आई, वह उतनी ही हैरान करने वाली थी जितना कि खुद अपराध।
एफआईआर में साफ लिखा गया है कि आरोपी दीपक यादव ने खुद गुरुग्राम पुलिस के सामने गुनाह कबूल करते हुए कहा कि उसे गांव के लोग बेटी की कमाई पर ताने देते थे। उसे यह कहते थे कि लड़की की कमाई खा रहा है। इससे दीपक को गहरा मानसिक आघात पहुंचा था। उसने बताया कि उसकी बेटी राधिका एक बेहतरीन टेनिस खिलाड़ी थी, जिसने कई बार नेशनल लेवल पर ट्रॉफी जीती थी। लेकिन कंधे में चोट लगने के बाद वह खेल से दूर हो गई थी और उसने अपनी टेनिस एकेडमी खोल ली थी।
एफआईआर की कॉपी के मुताबिक, दीपक यादव सिर्फ एकेडमी ही नहीं, बल्कि राधिका की सोशल मीडिया पर रील्स बनाने की आदत से भी नाराज था। उसे लगता था कि ये सब उसके परिवार की इज्जत को नुकसान पहुंचा रहा है। जब उसने राधिका से एकेडमी बंद करने को कहा तो राधिका ने मना कर दिया। इसके बाद दीपक लगातार मानसिक तनाव में रहने लगा। FIR में उसने बताया कि जब वह दूध लेने गांव वजीराबाद जाता था, तो लोग राधिका की सोशल मीडिया उपस्थिति और एकेडमी को लेकर ताने मारते थे, जिससे उसे गुस्सा आता था।
वारदात के दिन सुबह दीपक ने अपनी लाइसेंसी ।32 बोर की रिवॉल्वर निकाली और जब राधिका रसोई में थी, तो उसकी कमर के पीछे से तीन गोलियां दाग दीं। उस समय घर की पहली मंजिल पर सिर्फ तीन लोग मौजूद थे- दीपक यादव, उसकी पत्नी मंजू यादव और बेटी राधिका। FIR के अनुसार, मंजू यादव बुखार के कारण अपने कमरे में आराम कर रही थी और उसे सिर्फ गोली चलने की आवाज सुनाई दी थी।
गोली की आवाज सुनकर दीपक का भाई कुलदीप यादव और उसका बेटा पीयूष तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि राधिका किचन में खून से लथपथ पड़ी थी और ड्रॉइंग रूम की मेज पर रिवॉल्वर रखी थी, जिसमें पांच फायर के खोल और एक जिंदा कारतूस मौजूद था। राधिका को तुरंत ही ASIA MARIANGO HOSPITAL सेक्टर-56 ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। राधिका के चाचा कुलदीप ने भी पुलिस से आशंका जताई थी कि राधिका की हत्या उसके भाई ने ही की है। उन्हीं की शिकायत पर पुलिस ने दीपक के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू की।
पुलिस ने घटना स्थल से रिवॉल्वर, खून के नमूने और स्वैब जब्त किए और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की टीम को मौके पर बुलाया। पूछताछ में दीपक यादव ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। हालांकि, उसकी पत्नी मंजू यादव ने बयान देने से मना कर दिया और कहा कि वह बीमार थी और उसे कुछ पता नहीं चला कि यह सब कैसे हुआ। उन्होंने सिर्फ मौखिक रूप से बताया कि उन्हें नहीं पता क्यों उनके पति ने बेटी को गोली मारी, जबकि उसका चरित्र ठीक था।
शुरुआत में परिवार वालों ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की और यह कहा कि राधिका ने खुद को गोली मारी है। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की और घटनास्थल के भौतिक साक्ष्य जुटाए, तो दीपक यादव टूट गया और पूरी वारदात का सच उगल दिया। आरोपी दीपक ने बताया कि घटना के वक्त घर में वह, राधिका और उसकी पत्नी मंजू मौजूद थे, जबकि बेटा जो कि प्रोपर्टी डीलर है, अपने ऑफिस गया हुआ था। पुलिस ने दीपक यादव के खिलाफ हत्या की धारा 103(1) BNS और आर्म्स एक्ट की धारा 27(3), 54-1959 के तहत केस दर्ज किया है। फिलहाल आरोपी हिरासत में है और राधिका की मौत की जांच जारी है।

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