मध्य प्रदेश में बिजली कंपनियां करेंगी 49 हजार से अधिक नई भर्तियां, सरकार ने दी मंजूरी

भोपाल{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश सरकार ने बेरोजगार युवक-युवतियों को बड़ी खुशखबरी देते हुए राज्य में अगले तीन सालों के दौरान बड़े पैमाने पर भर्तियां करने की योजना बनाई है। इस दौरान सरकार ने प्रदेश की तीन बिजली वितरण कंपनियों में 49 हजार 263 नए पद सृजित करने को मंजूरी दे दी। इनमें से 30 हजार पदों पर नई भर्तियां की जाएंगी, जबकि बाकी पर प्रमोशन प्रस्तावित हैं। इन भर्तियों की शुरुआत इसी साल यानी वित्त वर्ष 2025-26 से होगी, और अगले 3 साल के दौरान भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की योजना है। यानी 30 हजार पदों में से हर साल 10 हजार पदों पर भर्ती की जाएगी। इस बात का फैसला बुधवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में राजधानी भोपाल में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
कैबिनेट मीटिंग के बाद उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि बैठक में बिजली कंपनियों में 17 हजार 620 अनुपयोगी पदों को खत्म करने और करीब साढ़े पांच हजार पदों को डाइंग कैडर घोषित करने का भी निर्णय लिया गया। डाइंग कैडर का मतलब है कि इन पदों पर वर्तमान में जो कर्मचारी कार्यरत हैं, उनके रिटायर होने के बाद ये पद स्वतः समाप्त हो जाएंगे। तीनों बिजली कंपनियों में होने वाली नई भर्तियों में प्रमुख रूप से लाइन स्टाफ और टेस्टिंग असिस्टेंट पद पर लोगों को रखा जाएगा।
कैबिनेट की बैठक में सरकार ने नए पदों को बनाने और पुराने अनुपयोगी पदों को खत्म करने के बाद तीनों कंपनियों में कुल 77 हजार 298 पदों को मंजूरी दे दी। फिलहाल इन कंपनियों में बड़े पैमाने पर संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी काम कर रहे हैं, हालांकि नई भर्तियां होने के बाद सरकार ने संविदा और आउटसोर्स पदों को समाप्त करने का इशारा किया है। इस बारे में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मीडियो को बताया कि नियमित पदों पर भर्तियां होने के बाद संविदा और आउटसोर्स पदों को समाप्त किया जाएगा।
बिजली कंपनियों में नई भर्ती की जरूरत पड़ने को लेकर सरकार की तरफ से बताया गया कि वर्तमान में तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में अधिकारी-कर्मचारी मिलाकर कुल 27 हजार पद स्वीकृत हैं, जबकि इतने पदों के बदले 23 हजार कर्मचारी ही काम कर रहे हैं। सरकार के अनुसार इन कंपनियों में आखिरी बार करीब 14 साल पहले यानी साल 2011 में नए पदों को मंजूरी दी गई थी, तब प्रदेश में कुल 91 लाख बिजली उपभोक्ता थे। अब बिजली उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर लगभग 1.77 करोड़ हो चुकी है और विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर भी काफी बढ़ चुका है, ऐसे में बिजली कंपनियों में मैनपॉवर की भारी कमी महसूस की जा रही थी।