भारतमाला मुआवजा में गड़बड़ी, सीबीआई से जांचकर कार्रवाई की मांग

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धमतरी{ गहरी खोज }:भारतमाला परियोजना के तहत अनुविभाग कुरुद अंतर्गत हुए भूमि अधिग्रहण व मुआवजा वितरण में हुए गड़बड़ी की शिकायत लंबे समय से की गई है, लेकिन इस मामले में गिनती के कुछ लोगों के ही खिलाफ कार्रवाई की गई है।जबकि संलिप्त प्रमुख सफेदपोश नेता, उनके करीबी और गलत ढंग से मुआवजा लेने वालों के साथ-साथ अनियमितता को संरक्षण देने वाले जवाबदार अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ किसी तरह कार्रवाई नहीं की गई है। इससे आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ आज कलेक्ट्रेट पहुंचकर इस अनियमितता की स्पष्ट जांच कर इस मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग की है, ताकि गड़बड़ी को अंजाम देने वाले मुख्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सके। मांगे पूरी नहीं होने पर ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
जिला पंचायत सदस्य नीलम चंद्राकर की अगुवाई में नौ जुलाई को ग्राम सिवनीकला के ग्रामीण बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। यहां ग्रामीणों की भीड़ में नीलम चंद्राकर के साथ प्रमोद कुमार चंद्राकर, कुलेश्वर, मिलन साहू, कृष्ण कुमार, हरखराम, खुलास राम, कुंभकरण, गणेशराम, थानूराम, होरीलाल, दुर्गेश, राजेश तारम, टिकेन्द्र कुमार, प्रहलाद चंद्राकर आदि ग्रामीणों ने अपर कलेक्टर राम कुमार कृपाल को ज्ञापन सौंपे। ज्ञापन में आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा है कि भारतमाला परियोजना के तहत अनुविभाग कुरूद अंतर्गत भूमि अधिग्रहण व मुआवजा वितरण में भारी गड़बड़ी की गई है, लेकिन अब तक गड़बड़ी में शामिल मुख्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है, जो पूरे अनियमितता को अंजाम दिए है। निजी भूमि की अधिग्रहण से मुआवजा राशि के निर्धारण तक की प्रकि्रया में विधि विरूद्ध कार्रवाई करते हुए लोक सेवकों तथा भू स्वामियों के द्वारा अपराधिक षडयंत्रपूर्वक गड़बड़ी की है। इसके चलते भारत सरकार को करोड़ों रुपये की क्षति हुई है। यह एक बड़ा प्रकरण है, इसे पूरे मामले पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई को जांच कर कार्रवाई करने के लिए ग्रामीणों ने देने की मांग की है।
जिला पंचायत सदस्य नीलम चंद्राकर व ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सिवनीकला व कुरूद क्षेत्र में भारतमाला परियोजना के तहत भूमिअधिग्रहण व मुआवजा वितरण में हुए गड़बड़ी पर पिछले दो माह से ग्रामीण लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई है। किसान व ग्रामीण सूचना के अधिकार के तहत पूरी जानकारी निकालकर गड़बड़ी का सबूत पेश कर रहे हैं। गलत ढंग से करोड़ों रुपये का मुआवजा लिया गया है। जिस कार्य को प्रशासन को करना चाहिए, उसे ग्रामीण व किसान कर रहे हैं, यह दुर्भाग्य की बात है, जबकि इस गांव में दो बार कलेक्टर जा चुके हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि भारतमाला परियोजना में हुए गड़बड़ी में सिर्फ चार-पांच लोगों पर कार्रवाई कर इस मामला की खानापूर्ति करके कई बड़े बकरों को बचाते हुए भ्रष्टाचार को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में कई अधिकारियाें की संलिप्तता है। अभनपर क्षेत्र में एसडीएम, तहसीलदार व पटवारी फंसे हुए है। ठीक ऐसे ही अनुविभाग कुरूद में भी मुआवजा वितरण गड़बड़ी में कई सफेदपोश नेता, बड़े अधिकारी, नेताओं के बड़े सिपाहसलाहार लोग और भू माफियाओं की संलिप्तता है। जब तक इन लोगों को ग्रामीण सलाखों के पीछे नहीं पहुंचा देते, तब तक ग्रामीणाें की लड़ाई जारी रहेगा। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि 15 दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन किया जायेगा । इस शिकायत पर अपर कलेक्टर रामकुमार कृपाल ने पूरी जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन ग्रामीणों को दिया है।

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