जमीन और बांकीपुर क्लब विवाद के कारण हुई पटना के व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या : डीजीपी

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पटना { गहरी खोज }: पटना के बड़े व्यवसायी गोपाल खेमका हत्या मामले का बिहार पुलिस ने मंगलवार को खुलासा कर दिया। उनकी हत्या जमीन और बांकीपुर क्लब विवाद से जुड़ी हुई है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने पुलिस मुख्यालय में आज शाम पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।
डीजीपी विनय ने बताया कि जमीन विवाद और बांकीपुर क्लब विवाद को लेकर गोपाल खेमका की हत्या हुई है। उन्होंने बताया कि चार लाख रूपये में हत्या की सुपारी दी गई थी। हत्या की प्लानिंग डेढ़ माह पहले रची गई थी। उन्होंने बताया कि सुपारी देने वाला और शूटर दोनों हमारे कब्जे में है। घटनास्थल से जो सूत्र प्राप्त हुए थे, कैमरे से जो तस्वीर आई थीं, तस्वीर में शूटर का जो हुलिया मिला था, इन सभी के आधार पर पूरे शहर के सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए। साक्ष्य संग्रह किया गया, मोटरसाइकिल की पहचान की गई। उसके धारक की पहचान की गई। इसके बाद बाइक मालिक तक पहुंचा गया। बाइक मालिक से पूछताछ के बाद पुलिस की जांच आगे बढ़ी।
डीजीपी ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में उमेश यादव ने गोपाल खेमका की हत्या की बात स्वीकार की है। उसकी निशानदेही पर 7.62 एमएम का 56 राउंड जिंदा कारतूस, एक 9 एमएम पिस्टल, दो मैगजीन एवं 14 गोली बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि अशोक साव ने हत्या की सुपारी दी थी। अशोक साव से उमेश यादव की मुलाकात बिहार शरीफ में डेढ़ साल पहले एक शादी समारोह में हुई थी। इसके बाद से ही उमेश अशोक साव के लिए छोटा-मोटा काम कर रहा था।
डीजीपी ने बताया कि अशोक साव ने गोपाल खेमका की हत्या के लिए शूटर एवं हथियार की व्यवस्था के लिए बोला था। साथ ही अशोक साव ने दो मोबाइल खरीदा था। जिसमें एक अपने पास रखा और एक उमेश यादव को दिया और कहा कि हम लोग इसी से बात करेंगे। इन्हीं के इलाके के विकास उर्फ राजा जिस पर हत्या डकैती आर्म्स एक्ट के कुल 9 केस दर्ज हैं, उससे हत्या के लिए संपर्क किया गया। शूटर विकास उर्फ राजा ने इसके लिए चार लाख की सुपारी मांगी। इसके बाद उमेश यादव के मन में विचार आया कि क्यों ना यह मर्डर स्वयं करके सुपारी की सारी राशि खुद रख ले। इसी क्रम में अशोक साव ने 9 एमएम का हथियार दो मैगजीन 18 गोली मुहैया करायी। साथ ही गोपाल खेमका का फोटो एवं गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर भी उपलब्ध कराया।
डीजीपी ने बताया कि गोपाल खेमका प्रतिदिन संध्या 8:00 बजे बांकीपुर क्लब जाते थे और रात 11:30 बजे खुद गाड़ी चला कर घर वापस आते थे। क्लब से निकलते समय अपने मित्र सुदेश सरीन के बाकरगंज मोड पर उतरकर घर जाते थे। 4 जुलाई की रात 11:30 बजे बांकीपुर क्लब पहुंचे तो गोपाल खेमका की गाड़ी लगी थी। इसके बाद यह उमेश यादव इनके आवास की ओर आगे बढ़ गया और गोपाल खेमका के आने का इंतजार करने लगा। कुछ समय बाद गोपाल खेमका कार चलाते अपार्टमेंट के गेट पर रुके तो इसके द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद अपने मोटरसाइकिल से जमाल रोड होते हुए बाइपास थाना के सामने माल सलामी देवी स्थान होते हुए घर चला गया। साथ ही हथियार को अपने ऊपर वाले कमरे में छिपा दिया।
डीजीपी ने बताया कि उमेश यादव की निशानदेही पर उदयगिरी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 601 की तलाशी ली गई। जहां से नकद राशि सहित एक पिस्टल 17 जिंदा कारतूस जमीन का ढेर सारा कागजात, मोबाइल एवं अन्य सामान बरामद किया गया है।

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