भाषा विवाद के बीच भाजपा सांसद दुबे की टिप्पणी को लेकर राउत ने फडणवीस, शिंदे की आलोचना की

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मुंबई{ गहरी खोज }: महाराष्ट्र में जारी भाषा विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता निशिकांत दुबे की टिप्पणी पर शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राउत ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की चुप्पी को लेकर निशाना साधा। राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि शिवसेना प्रमुख शिंदे और उनके समर्थक अगर दुबे के साथ संबंध जारी रखते हैं तो उन्हें अपने अपने दफ्तरों से दिवगंत बाल ठाकरे की तस्वीरें हटा लेनी चाहिए। मराठी नहीं बोलने पर मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा एक दुकानदार की पिटाई करने से उपजे आक्रोश के बीच दुबे ने पार्टी प्रमुख राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कथित तौर पर ‘‘पटक पटक के मारेंगे’’ वाली टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया है।
झारखंड के गोड्डा से सांसद दुबे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हिंदी भाषी लोगों को मुंबई में मारने वालों में अगर हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मार कर दिखाओ। अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है? कौन कुत्ता है, कौन शेर है, खुद ही फैसला कर लो।’’ राउत ने दुबे की टिप्पणी की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि वह एक ‘‘बिचौलिये हैं जो कमीशन लेने और कुछ उद्योगपतियों के इशारे पर काम करने के लिए जाने जाते हैं’’। राउत ने दावा किया, ‘‘उनकी (दुबे की) कुछ गतिविधियां मुंबई में भी होती हैं। वह उद्योगपतियों से पैसे ऐंठते हैं। उनके पास दिल्ली विश्वविद्यालय की एक फर्जी डिग्री है, जिसे उन्होंने संसद में जमा किया था।’’ राज्यसभा सदस्य ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा मुंबई में हिंदी भाषी समुदाय के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इन मुद्दों का कभी राजनीतिकरण नहीं करते। हमने हमेशा संवाद और सम्मान बनाए रखा है। अगर कोई हमारे साथ नहीं है तो हम उन्हें मनाने की कोशिश करते हैं। शिवसेना (उबाठा) ने कभी किसी हिंदीभाषी व्यक्ति पर हमला नहीं किया है और न ही करेगी। दुबे को यह समझना चाहिए।’’ उन्होंने टिप्पणी की, ‘‘क्या उन्हें (दुबे को) मुंबई की हिंदीभाषी आबादी ने उनकी ओर से बोलने के लिए अधिकृत किया है? इस समुदाय के वास्तविक प्रतिनिधियों को आगे आकर उनकी टिप्पणियों की निंदा करनी चाहिए। तभी मैं मानूंगा कि वे वास्तव में महाराष्ट्र के साथ घुलमिल गए हैं।’’
राउत ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल की चुप्पी को लेकर सवाल उठाते हुए राज्य नेतृत्व पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के एक सांसद महाराष्ट्र और मराठी लोगों के बारे में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं और मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट चुप रहती है। यह कैसे मुख्यमंत्री हैं? आपको (फडणवीस) छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेने का भी अधिकार नहीं है।’’ राउत ने सत्तारूढ़ नेतृत्व से जवाबदेही की भी मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘अगर एकनाथ शिंदे इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात नहीं कर सकते हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। दुबे पर लगाम लगाना फडणवीस, शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की जिम्मेदारी है।’’

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