बिजनेसमैन सुशील केडिया के ऑफिस में तोड़फोड़, MNS के कार्यकर्ताओं ने किया पथराव

मुंबई{ गहरी खोज }: मुंबई के वर्ली में बिजनेसमैन सुशील केडिया के ऑफिस में तोड़फोड़ की गई है। ये तोड़फोड़ राज ठाकरे की पार्टी MNS के कार्यकर्ताओं ने की है। बता दें कि हिंदी मराठी विवाद को लेकर शुक्रवार को बिजनेसमैन सुशील केडिया ने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि वह मराठी भाषा नहीं सीखेंगे। इसके बाद तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया गया है।
विवाद के बाद सुशील केडिया का माफीनामा सामने आया है। उन्होंने अपने ऑफिस में तोड़फोड़ की घटना के बाद एक्स पर वीडियो पोस्ट किया और कहा, ‘जिस तरह की स्थिति बनी थी, उसकी वजह से मानसिक तनाव में थे।’सुशील केडिया ने शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट किया था, ‘राज ठाकरे आपके सैकड़ों कार्यकर्ताओं द्वारा मुझे धमकाए जाने से मैं मराठी भाषा में पारंगत नहीं हो जाऊंगा। अगर मुझे मराठी भाषा की गुणवत्ता पर भरोसा नहीं है, तो इतनी धमकियों के बीच और भी डर है कि अगर मैं कोई शब्द गलत तरीके से नहीं बोल पाया तो और हिंसा हो जाएगी। बात समझिए। धमकी नहीं, बल्कि प्यार लोगों को एक साथ लाता है।’
सुशील केडिया ने पोस्ट किया था, ‘ध्यान दें राज ठाकरे, मुंबई में 30 साल रहने के बाद भी मैं मराठी ठीक से नहीं जानता और आपके घोर दुर्व्यवहार के कारण मैंने यह संकल्प लिया है कि जब तक आप जैसे लोगों को मराठी मानुष की देखभाल करने का दिखावा करने की अनुमति है, मैं प्रतिज्ञा लेता हूं कि मैं मराठी नहीं सीखूंगा।’
महाराष्ट्र में मराठी भाषा से जुड़ा ताजा विवाद 2025 में हिंदी को प्राथमिक स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने के सरकारी फैसले से शुरू हुआ। इस नीति का शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने तीखा विरोध किया, इसे मराठी अस्मिता और संस्कृति पर हमला बताया गया। विरोध के बाद, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अप्रैल और जून 2025 के सरकारी आदेशों को रद्द कर दिया, और एक नई समिति गठित की गई जो भाषा नीति पर सिफारिशें देगी।
इसके अलावा, मराठी न बोलने को लेकर हिंसा की घटनाएं भी सामने आईं। उदाहरण के लिए, मुंबई के मीरा रोड और पवई में मनसे कार्यकर्ताओं ने दुकानदारों और एक वॉचमैन के साथ मारपीट की, क्योंकि उन्होंने मराठी में बात करने से इनकार किया। इन घटनाओं के वायरल वीडियो ने विवाद को और बढ़ाया।
इसके जवाब में, सरकार ने 3 अक्टूबर को शास्त्रीय मराठी भाषा दिवस और 3-9 अक्टूबर को मराठी भाषा सप्ताह मनाने का ऐलान किया, ताकि मराठी की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को बढ़ावा दिया जाए। विवाद में हिंदुत्व का मुद्दा भी जुड़ा, जब मंत्री नितेश राणे ने ठाकरे बंधुओं (उद्धव और राज) पर निशाना साधते हुए कहा कि वे मुस्लिम बहुल इलाकों में मराठी लागू करवाकर दिखाएं। यह विवाद मराठी अस्मिता, क्षेत्रीय राजनीति और भाषाई नीतियों के इर्द-गिर्द घूम रहा है, जिसमें हिंसा और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।