जल या बेलपत्र शिवलिंग पर सबसे पहले क्या अर्पित करना चाहिए? सावन शुरू होने से पहले जान लें

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धर्म { गहरी खोज } : शिवलिंग की पूजा करने से न केवल भोलेनाथ का आशीर्वाद मिलता है बल्कि आध्यात्मिक और आत्मिक विकास भी होता है। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा का बड़ा महत्व है। इस दौरान शिवलिंग पर भक्त जल, बेलपत्र दूध आदि अर्पित करके भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं। हालांकि, शिवलिंग पर कुछ भी अर्पित करने से पहले आपको इससे जुड़े नियमों का पता भी होना चाहिए। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि शिवलिंग पर सबसे पहले क्या चढ़ाना चाहिए, बेलपत्र या जल।

बेलपत्र या जल शिवलिंग पर पहले क्या अर्पित करें?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग की पूजा के दौरान आपको सबसे पहले जल ही शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। यह जल गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों का हो तो और भी शुभ होता है। जल चढ़ाने के उपरांत ही आपको बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए। इसके बाद आप दूध, पुष्प आदि शिवलिंग पर अर्पित कर सकते हैं।

सावन में शिव पूजन के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
कहा जाता है कि भोलेनाथ को सच्चे दिल से अगर एक लोटा जल भी चढ़ा दो तो वो प्रसन्न हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप शिवलिंग की विधिवत पूजा करने में समर्थ नहीं हैं तो एक लोट जल चढ़ाकर भी सावन में शिवजी की पूजा कर सकते हैं। वहीं जो लोग सावन के महीने में विधिपूर्वक शिव भगवान की पूजा करना चाहते हैं उन्हें नीचे दी गई बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

  1. सावन के महीने में शिव पूजन के लिए आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए। इसके बाद शिव भगवान की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही संध्या काल में भी शिव पूजन आपको सावन में करना चाहिए। खासकर सावन के सोमवार के दौरान शिव जी की पूजा करने से आपको मनचाहे फल प्राप्त होते हैं।
  2. पूजन के दौरान भगवान शिव के मंत्रों का जप, शिव चालीसा का पाठ आप कर सकते हैं।
  3. सावन में शिवलिंग की पूजा के दौरान सबसे पहले जल अर्पित करें, इसके बाद 3, 5, 7, 9 या 11 बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करें। शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते वक्त ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जप करते रहें। गलती से भी कभी शिवलिंग पर खंडित बेल पत्र न चढ़ाएं।
  4. जल और बेलपत्र के साथ ही दूध, दही, शहद आदि भी आप शिवलिंग पर अर्पित कर सकते हैं।
  5. शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
  6. शिवलिंग पर गलती से भी केतकी के फूल हल्दी और सिंदूर न चढ़ाएं।

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