एचडीएफसी बैंक में बिकवाली, विदेशी कोषों की निकासी से सेंसेक्स 288 अंक टूटा, निफ्टी भी नुकसान में

0
Share-Market

मुंबई{ गहरी खोज }: स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को गिरावट आई और दोनों मानक सूचकांक नुकसान में रहे। एचडीएफसी बैंक, एलएंडटी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में बिकवाली दबाव और अमेरिकी शुल्क टाले जाने की समयसीमा समाप्ति की तारीख करीब आने के साथ सतर्क रुख के बीच बीएसई सेंसेक्स 288 अंक लुढ़क गया, जबकि एनएसई निफ्टी 88 अंक के नुकसान में रहा। कारोबारियों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी और वैश्विक बाजारों के मिले-जुले रुख ने भी धारणा को प्रभावित किया। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स शुरुआती तेजी को कायम नहीं रख पाया और अंत में 287.60 अंक यानी 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83,409.69 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 546.52 अंक तक टूट गया था। पचास शेयरों पर आधारित एनएसई निफ्टी 88.40 अंक यानी 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,453.40 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में बजाज फिनसर्व, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और कोटक महिंद्रा बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में टाटा स्टील, एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट और ट्रेंट शामिल हैं।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘मिले-जुले वैश्विक संकेतों, खासतौर पर शुल्क छूट की समयसीमा की समाप्ति से पहले निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। बाजार का ध्यान धीरे-धीरे कंपनियों के पहली तिमाही के वित्तीय नतीजों पर है, जिससे काफी उम्मीदें हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद और बढ़े हुए सरकारी खर्च जैसे उपायों से बाजार में मजबूती बनी हुई है। हालांकि, हाल की तेजी के बाद… निकट भविष्य में सतर्क रुख बना रह सकता है।’’ छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.20 प्रतिशत नीचे आया जबकि मझोली कंपनियों से संबंधित बीएसई मिडकैप 0.18 प्रतिशत टूटा। बीएसई के 2,205 शेयरों में गिरावट रही, जबकि 1,809 शेयर लाभ में रहे। वहीं 157 शेयर के भाव अपरिवर्तित रहे।
भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जून में बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 58.4 पर पहुंच गई। इससे उत्पादन और नए ऑर्डर में तेजी के साथ रोजगार में रिकॉर्ड वृद्धि का संकेत मिलता है। एक मासिक सर्वेक्षण में मंगलवार को यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक मई में 57.6 था। इसके साथ ही, मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह जून में 6.2 प्रतिशत बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। एक साल पहले इसी महीने में यह 1,73,813 करोड़ रुपये था। एशिया के अन्य बाजारों में, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान में रहे, जबकि हांगकांग का हैंगसेंग सूचकांक लाभ में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख था। अमेरिकी बाजार मंगलवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.86 प्रतिशत बढ़कर 67.69 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 1,970.14 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 90.83 अंक मजबूत हुआ था जबकि एनएसई निफ्टी में 24.75 अंक की तेजी रही थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *