कांग्रेस ने छोड़ा इंडिया गठबंधन का साथ, अकेले लड़ेगी पंचायत चुनाव, तैयारियां जोरों पर

लखनऊ{ गहरी खोज }:कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) का गठबंधन आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में नजर नहीं आएगा। दोनों पार्टियां इस बार अलग-अलग रास्ते चुन सकती हैं। कांग्रेस ने इस दिशा में स्पष्ट संकेत दे दिए हैं। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो कांग्रेस पंचायत चुनाव में स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरेगी। इसके लिए पार्टी न केवल अपने संगठन को मजबूत कर रही है, बल्कि जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरकर लगातार प्रदर्शन भी कर रही है। साथ ही, सभी जिलों में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
कांग्रेस ने 133 जिला और शहर अध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा कर दी है। लगभग 40 जिलों और शहरों की कार्यकारिणी का गठन हो चुका है, और शेष जिलों की कार्यकारिणी भी जल्द घोषित होने की संभावना है। पार्टी की रणनीति है कि पंचायत चुनाव के लिए माहौल बनाने हेतु जिला और शहर इकाइयों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाए।
3 से 7 जुलाई के बीच घोषित जिला और शहर कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह होंगे, जिसमें पार्टी के सांसद, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इसके बाद, संबंधित जिलों में विधानसभा क्षेत्र और ब्लॉक स्तर की कमेटियों का गठन होगा, जिनका भी शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। पार्टी का लक्ष्य है कि 15 अगस्त तक सभी बूथ कमेटियों का गठन पूरा हो जाए।
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने भी पंचायत चुनाव में मजबूती से हिस्सा लेने की तैयारियां तेज कर दी हैं। मंगलवार को लखनऊ के इंदिरानगर स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार चित्तौड़ ने इस संबंध में एक बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए वार्ड स्तर तक संगठन को जल्द से जल्द मजबूत किया जाए। सभी मुख्य मंडल प्रभारियों, मंडल प्रभारियों और भाईचारा मंडल प्रभारियों के साथ समीक्षा बैठक में उन्होंने चुनावी रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अभियान चलाकर अधिक से अधिक प्रबुद्ध लोगों को पार्टी से जोड़ने और भाईचारा कमेटियों के गठन का निर्देश दिया। साथ ही, प्रयागराज जैसी घटनाओं पर अनावश्यक बयानबाजी से बचने की सलाह भी दी।