शिवसेना चुनाव चिह्न विवाद पर 14 जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

0
2025_7$largeimg02_Jul_2025_130728107

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: उच्चतम न्यायालय शिवसेना और शिवसेना (यूबीटी) के बीच ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिह्न आवंटन विवाद से संबंधित मामले में 14 जुलाई को विचार करेगा।
न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की अंशकालीन कार्य दिवस पीठ ने बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत की इस मामले में तत्काल सुनवाई की गुहार पर सहमति व्यक्त की।
अधिवक्ता कामत ने गुहार लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से संबंधित घोषणा अगले सप्ताह कभी भी की जा सकती है।
पीठ के समक्ष उन्होंने कहा, “हम कुछ अंतरिम निर्देश चाहते हैं।‌ जैसे एनसीपी मामले में जारी किए गए थे। उन्हें चुनाव चिह्न दे दिया गया है।”
पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि दो चुनाव हो चुके हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष इसी तरह की याचिका का उल्लेख किया गया था, जिसे खारिज कर दिया गया।
पीठ ने कहा, “भले ही चुनाव अधिसूचित हो जाएं, लेकिन यह आखिरकार उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ है।”
इस पर श्री कामत ने कहा, “नहीं नहीं यह चुनाव चिह्न का विवाद है। मामला दो साल से लंबित है।”
पीठ ने फिर पूछा, “अगर यह लंबित है तो कोई समस्या नहीं है, कोई अधिकार (जो मिलना चाहिए) नहीं जाएगा। इतनी जल्दी क्या है।”
अधिवक्ता ने कहा कि यह अंततः लोगों की पसंद का सवाल है।
शीर्ष अदालत ने इसके बाद कहा कि वह इस मामले में 14 जुलाई को विचार करेगी।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 17 फरवरी, 2023 को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को असली पार्टी के रूप में मान्यता दी थी। चुनाव आयोग द्वारा तैयार किए गए प्रतीक आदेश के अनुसार, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के साथ संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए इसे ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिह्न आवंटित किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *