हरित इस्पात की संभावनाओं पर भारत और रास अल खैमाह औद्योगिक निगम कर रहे हैं विचार

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी और रास अल खैमाह (आरके) के शासक सऊद बिन सक्र अल कासिमी ने संयुक्त अरब अमीरात से कम मात्रा वाले सिलिका के चूना पत्थर तक दीर्घकालिक पहुंच सुनिश्चित करने एवं हरित इस्पात के क्षेत्र में सहयोग की संभावना तलाशने सहित रणनीतिक अवसरों पर चर्चा की है। रास अल खैमाह, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का एक शहर है। आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्रीय इस्पात मंत्री एमईसीओएन और एनएमडीसी कार्यालयों का उद्घाटन करने के लिए सोमवार को दुबई में थे।
दोनों पक्षों ने हरित हाइड्रोजन की संभावनाओं, भारत से मूल्यवर्धित इस्पात निर्यात के माध्यम से व्यापार साझेदारी, रास अल खैमाह के स्थानीय चूना पत्थर एवं प्राकृतिक गैस का उपयोग करके ‘कैल्सीनयुक्त’ चूना उत्पादन इकाइयां स्थापित करने और सेल, एनएमडीसी और मेकॉन जैसे केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) के माध्यम से जुड़ाव बढ़ाने पर भी चर्चा की।
राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है जो लौह अयस्क, चट्टान, जिप्सम, मैग्नेसाइट, हीरा, टिन, टंगस्टन, ग्रेफाइट, कोयला आदि की खोज में लगा है। मेकॉन, भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) भारत की एक प्रमुख इस्पात उत्पादक कंपनी है। कुमारस्वामी ने रास अल खैमाह को बुनियादी ढांचे के विकास, ऊर्जा घटकों और कच्चे माल मूल्य श्रृंखलाओं में सहयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत इस्पात को न केवल एक सामग्री के रूप में देखता है, बल्कि इसे हमारे बुनियादी ढांचे, परिवहन, ऊर्जा और विनिर्माण क्षेत्रों की रीढ़ मानता है। रास अल खैमाह की खनिज संपदा, औद्योगिक क्षमता और स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता इसे भारत की अगली पीढ़ी के इस्पात और संसाधन रणनीति के लिए एक आदर्श साझेदार बनाती है।’’
एनएमडीसी के नए कार्यालय के बारे में मंत्री ने कहा कि यह खनिक को खनिज परिसंपत्ति अधिग्रहण, रणनीतिक संयुक्त उद्यम बनाने तथा भारत के स्वच्छ ऊर्जा एवं औद्योगिक विनिर्माण क्षेत्रों के लिए आवश्यक ‘स्टील-ग्रेड’ चूना पत्थर, डोलोमाइट और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों जैसे प्रमुख कच्चे माल के स्रोत में विविधता लाने की स्थिति में लाएगा। उन्होंने कहा कि एशिया, अफ्रीका और यूरोप के चौराहे पर दुबई की स्थिति एनएमडीसी को अंतरराष्ट्रीय खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण के लिए एक रणनीतिक मंच के रूप में कार्य करने की अनुमति देती है, जो सीधे भारत के घरेलू उद्योगों को समर्थन देती है।
मेकॉन का दुबई परिचालन औद्योगिक परियोजना निष्पादन एवं योजना, तेल व गैस अवसंरचना को तैयार करने, इस्पात संयंत्र व्यवहार्यता और विस्तार परामर्श, हरित इस्पात और कार्बन मुक्त रणनीतियों तथा स्मार्ट विनिर्माण एवं ‘डिजिटल ट्विन’ प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित होगा। इस्पात मंत्रालय के अनुसार, भारत के सबसे बड़े इस्पात उत्पादकों में से एक सेल, रस अल खैमाह की स्टेविन रॉक एलएलसी से सालाना लगभग 25 लाख टन चूना पत्थर खरीदती है। भविष्य में सेल की क्षमता विस्तार के हिस्से के रूप में खरीद को दो से 3.5 करोड़ टन प्रति वर्ष तक बढ़ाने की योजना है।

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