‘हूल दिवस’ के कार्यक्रम से पहले प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया

0
वपदुलो

रांची{ गहरी खोज }: झारखंड के साहिबगंज जिले के भोगनाडीह इलाके में ‘हूल दिवस’ के अवसर पर आयोजित एक आधिकारिक समारोह से पहले कथित तौर पर एक मंच को गिराए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों पर पुलिस ने सोमवार को आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भोगनाडीह आदिवासी प्रतीक सिदो और कान्हू मुर्मू नामक दो भाइयों का जन्मस्थान है, जिन्होंने 1855-56 में ब्रिटिश शासन और स्थानीय जमींदारों के खिलाफ संथाल विद्रोह का नेतृत्व किया था। इसी विद्रोह की याद में 30 जून को ‘हूल दिवस’ मनाया जाता है। सिदो-कान्हू मुर्मू हूल फाउंडेशन (एसकेएचएफ) और आतो मांझी वाशी भोगनाडीह (एएमवीबी) के नेतृत्व में ग्रामीण जिला प्रशासन द्वारा ‘हूल दिवस’ मनाने के लिए बनाए गए एक अलग मंच को कथित तौर पर नष्ट किए जाने का विरोध कर रहे थे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड इकाई के प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने घटना की निंदा की जबकि वरिष्ठ मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि इसके पीछे एक ‘‘सुनियोजित साजिश” हो सकती है। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े, क्योंकि कुछ ग्रामीणों ने धनुष और तीर से पुलिस पर हमला कर दिया था।’’ उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर सिदो-कान्हू भोगनाडीह पार्क को भी बंद कर दिया था। जब पुलिस गेट खोलने के लिए वहां पहुंची तो प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई थी। साहिबगंज के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार सिंह ने कहा, ‘‘स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है और सरकारी समारोह सुचारू रूप से संपन्न हुआ।’’
उन्होंने बताया कि यह घटना सुबह उस समय हुई जब एक समूह ने अलग-अलग इस अवसर को मनाने का प्रयास किया। उपायुक्त हेमंत सती ने बताया कि भोगनाडीह में हर साल राजकीय कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने अपने निहित स्वार्थों के चलते उपद्रव मचाने की कोशिश की और पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करके भीड़ को तितर-बितर करना पड़ा। इस घटना में कुछ पुलिसकर्मियों को मामूली चोट पहुंची है।’’ इससे पहले, सिदो-कान्हू के वंशजों ने आरोप लगाया था कि प्रशासन ने उन्हें 30 जून को साहेबगंज जिले के भोगनाडीह में हुल दिवस मनाने की अनुमति नहीं दी। सिदो-कान्हू हूल फाउंडेशन (एसकेएचएफ) के एक सदस्य ने दावा किया कि इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उन्होंने जो मंच बनाया था, प्रशासन ने उसे क्षतिग्रस्त कर दिया था।
इस घटना के बाद शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित किया। भाजपा की झारखंड इकाई के अध्यक्ष ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया तो वहीं विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा, ‘‘भोगनाडीह में हुआ क्रूर लाठीचार्ज हेमंत सोरेन सरकार के पतन का कारण साबित होगा।’’ ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि उन्हें घटना के बारे में पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन इसके पीछे ‘‘सुनियोजित साजिश’’ की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “लगभग एक सप्ताह पहले अचानक भाजपा नेता संथाल परगना में घूमने लगे। ऐसे में यह विश्वास करना कठिन है कि उन्होंने वहां कोई साजिश नहीं रची होगी।” इस बीच, राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ‘हूल दिवस’ पर संथाल विद्रोह के आदिवासी योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की और लोगों को शुभकामनाएं दीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *