15 हजार के इनामी शाहिद मेव को एजीटीएफ राजस्थान की टीम ने दबोचा

भीलवाड़ा{ गहरी खोज }: एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की टीम को को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। टीम ने 11 साल पहले भीलवाड़ा के माण्डलगढ़ थाना क्षेत्र में हुई एक लूट के मामले में फरार चल रहे ₹15,000 के इनामी बदमाश शाहिद मेव पुत्र अब्दुल करीम को डूंगरपुर जिले के रतनपुर बॉर्डर से धर दबोचा है। हरियाणा के नुहू जिले का रहने वाला यह शातिर अपराधी इतने लंबे समय से पुलिस की गिरफ्त से बच रहा था।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध शाखा एवं एजीटीएफ श्री दिनेश एम.एन. के निर्देश पर लगातार इनामी अपराधियों और अवैध मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ एजीटीएफ सक्रिय अभियान चला रही है। इसी कड़ी में उपमहानिरीक्षक पुलिस श्री योगेश यादव एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन और पुलिस निरीक्षक श्री सुभाष सिंह के कुशल नेतृत्व में गठित एक विशेष टीम ने इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया।
एडीजी एमएन ने बताया कि 2014 की लूट का यह इनामी आरोपी पिछले एक दशक से अधिक समय से ओडिशा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, हैदराबाद और तमिलनाडु जैसे राज्यों में वाहन चलाकर फरारी काट रहा था। वह इतना चालाक था कि कभी अपना मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करता था, बल्कि अपने साथियों के फोन का उपयोग करता था, जिससे उसका पता लगाना बेहद मुश्किल हो रहा था। फरारी के दौरान वह शिमला में भी एक बार जेल जा चुका था।
एजीटीएफ टीम ने जमीनी स्तर पर सूचनाएं जुटाईं और आरोपी का लगातार पीछा किया। इसी दौरान टीम के सदस्य एएसआई शंकर दयाल शर्मा, हेड कांस्टेबल कमल सिंह कांस्टेबल रतिराम और कांस्टेबल चालक सुरेश कुमार को पता चला कि शाहिद राजस्थान आया हुआ है और गुजरात भागने की फिराक में है। अथक प्रयासों और लंबी मशक्कत के बाद टीम ने आखिरकार उसे डूंगरपुर के रतनपुर बॉर्डर पर घेर लिया और डिटेन कर लिया। आरोपी के बारे में थाना मांडलगढ़ पुलिस को सूचित किया जा चुका है।
यह मामला 5 दिसंबर, 2014 का है। पीड़ित भंवरलाल धाकड़ ने माण्डलगढ़ स्थित एसबीआई बैंक के एटीएम से ₹20,000 निकाले थे। तभी दो-तीन युवकों ने उन पर हमला कर रकम लूट ली और फरार हो गए। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हरियाणा निवासी एक आरोपी मोबिन उर्फ खुटा मेव को उसी समय होड़ा गांव में गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन शाहिद मेव और जमशेद मेव फरार होने में कामयाब रहे थे। भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक ने इन दोनों फरार आरोपियों पर 15-15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। शाहिद अलवर में भी लूट के प्रकरण में वांछित है और दूदू में लूट के मामले में गिरफ्तार हो चुका है।
इस पूरी कार्रवाई में एएसआई शंकर दयाल शर्मा, हैड कांस्टेबल कमल सिंह, कांस्टेबल रतिराम और चालक सुरेश कुमार की अहम भूमिका रही। वहीं हैड कांस्टेबल सुरेश कुमार, नरेंद्र सिंह और कांस्टेबल नरेश कुमार ने भी सराहनीय सहयोग दिया। पुलिस निरीक्षक सुभाष सिंह तंवर का कुशल नेतृत्व इस लंबी और चुनौतीपूर्ण गिरफ्तारी को सफल बनाने में निर्णायक साबित हुआ।